नादिया मुराद की कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा है. उन्होंने जिन हालात का सामना किया, वह किसी को भी तोड़ने के लिए काफी था, लेकिन नादिया मुराद ने मुश्किल हालातों का रुख मोड़कर अपने लिए रास्ता बनाया. वह ईराक की पहली नागरिक हैं, जिन्हें ये सम्मान दिया जाएगा.
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ओस्लो : इस साल शांति का नोबेल पुरस्कार किसे मिलेगा, इस पर सभी की निगाहें थीं. इस साल शांति का नोबेल पुरस्कार यजीदी कार्यकर्ता नादिया मुराद को विश्वभर के युद्धग्रस्त क्षेत्रों में यौन हिंसा के खिलाफ काम करने के लिए चुना गया. उनके साथ साथ कांगो के चिकित्सक डेनिस मुकवेगे को भी शांति का नोबेल सम्मान दिया जाएगा. लेकिन नादिया मुराद की कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा है. उन्होंने जिन हालात का सामना किया, वह किसी को भी तोड़ने के लिए काफी था, लेकिन नादिया मुराद ने मुश्किल हालातों का रुख मोड़कर अपने लिए रास्ता बनाया. नादिया ईराक की पहली नागरिक हैं, जिन्हें ये सम्मान दिया जाएगा.
नादिया मुराद ईराक से हैं और यजीदी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं. आतंकवादी संगठन ISIS ने उन्हें 2014 में अगवा कर लिया था. आंतकवादियों के चंगुल से फरार होने से पहले तीन महीने तक इन्हें यौन दासी बना कर रखा गया था. नादिया ने अपने ऊपर हुए अत्याचार को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ की सिक्योरिटी काउंसिल में बयान दिया था. उस समय उन्होंने आपबीती सुनाते हुए कहा था कि आईएसआईएस के आतंकी उसके साथ शारीरिक और मानसिक अत्याचार करते थे और उसके बेहोश होने तक उसके साथ रेप करते थे. उसने बताया कि आतंकी उसे उठाकर इराक के मोसुल लेकर गए थे.
2014 से शुरू हुई थी जुल्म की दास्तां...
नादिया इराक के जिस सिंजर इलाके की रहने वाली हैं, वह सीरिया से सटा हुआ है. ये देश आईएस का गढ़ है. नादिया की खुशहाल जिंदगी में 2014 का साल सैलाब लेकर आया. यहां पर आईएस के बढ़ते दखल ने उनकी जिंदगी को एक बुरे सपने में बदल दिया. उन्हें आईएस ने अपने चंगुल में ले लिया और तमाम यजीदी महिलाओं की तरह उन पर जुल्म ढहाना शुरू कर दिया. दिसंबर 2015 को नादिया यूनाइटेड नेशंस की सिक्योरिटी काउंसिल पहुंचीं, यहां उन्होंने अपनी जो कहानी बताई, उसने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया. उन्होंने बताया कि आईएसआईएस के आतंकी बेहोश होने तक उनके साथ बलात्कार करते थे. आतंकियों ने उन्हें आईएसआईएस के ही एक और आतंकी के घर पर रखा हुआ था.
नादिया ने बताया था कि कि अगस्त 2014 को आईएसआईएस के आतंकियों ने उनके और 150 याजिदी परिवारों के साथ याजिदी लड़कियों को अगवा कर लिया था. यहां से इन सभी को इराक के शहर मोसुल ले जाया गया था. नादिया ने बताया कि आईएसआईएस ने करीब तीन माह तक उन सभी को अपना सेक्स स्लेव बनाकर रखा. इराक के सिंजर में आईएसआईएस के आने से पहले याजिदी समुदाय के लोग रहते थे. सिंजर के गांव कोचों में नादिया का घर था. एक दिन अचानक उनके गांव में ISIS आतंकियों का फरमान आया. आतंकियों ने सभी पर इस्लाम कुबूल करने का दबाव डाला.
मुराद का कराया गया जबर्दस्ती निकाह
वह बताती हैं कि जिहादी महिलाओं और बच्चियों को बेचने के लिए दास बाजार लगते हैं. हजारों यजीदी महिलाओं की तरह मुराद का एक जिहादी के साथ जबरदस्ती निकाह कराया गया. उन्हें मेकअप करने और चुस्त कपड़े पहनने के लिए मारा पीटा भी गया. अपने ऊपर हुए अत्याचारों से परेशान मुराद लगातार भागने की फिराक में रहती थीं और अंतत:मोसूल के एक मुसलमान परिवार की सहायता से वह भागने में कामयाब रहीं. मुराद बताती हैं कि गलत पहचान पत्रों के जरिए वह इराकी कुर्दिस्तान पहुंची और वहां शिविरों में रह रहे यजीदियों के साथ रहने लगीं. वहां उन्हें पता चला कि उनके छह भाइयों और मां को कत्ल कर दिया गया है. इसके बाद यजीदियों के लिए काम करने वाले एक संगठन की मदद से वह अपनी बहन के पास जर्मनी चलीं गईं. आज भी वह वहां रह रही हैं. मुराद ने अब अपना जीवन ‘‘अवर पीपुल्स फाइट’’ के लिए सर्मिपत कर दिया है.