Strawberry Cultivation: आपने ऐसे कई लोगों को देखा होगा जो सिर्फ धान और गेंहू उगाने के बजाए खेती में नए प्रयोग कर रहे हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं. पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब जिले के कौंनी गांव में ज्यादातर किसान गेहूं और धान की खेती करते थे. लेकिन, 2014 में जसकरण सिंह नाम के एक युवा ने कुछ अलग करने की ठानी. उन्होंने अपने एक एकड़ खेत में स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाए. जसकरण की मेहनत रंग लाई और उन्हें अच्छी कमाई हुई. उनकी इस सफलता को देखकर अब गांव के दूसरे युवा भी खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं.


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शुरुआत में हुई मुश्कल
शुरुआत में जसकरण को अपने माता-पिता को मनाने में काफी मुश्किल हुई, लेकिन जब मेहनत का फल मिला तो उन्हें भी खुशी हुई. जसकरण ने दोस्तों के साथ मिलकर ये खेती शुरू की थी, लेकिन जल्द ही उनके दोस्तों ने साथ छोड़ दिया. उनका मानना था कि स्ट्रॉबेरी की खेती बहुत मेहनत का काम है. मगर जसकरण ने हार नहीं मानी और आज वे हर साल 5 लाख रुपये तक की कमाई कर लेते हैं.


पानी की बचत और ज्यादा मुनाफा
कृषि जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक विदेश जाने वाले युवाओं को देखकर जसकरण का दिल दुखता है. उनका कहना है कि मैं चाहता हूं कि युवा खेती के महत्व को समझें. जसकरण की स्ट्रॉबेरी नर्सरी में 50 से ज्यादा लोग काम करते हैं. ये मजदूर 7,000 से 12,000 रुपये महीना कमाते हैं. जसकरण से प्रेरणा लेकर अब गांव के कई और लोगों ने भी अपने खेतों में स्ट्रॉबेरी और दूसरे फल उगाने शुरू कर दिए हैं. पंजाब में पानी की कमी है, लेकिन खेती यहां की रीढ़ है. ऐसे में कम पानी वाली फसलों को उगाना फायदेमंद हो सकता है. जसकरण बताते हैं कि धान की 1 किलो पैदावार के लिए हजारों लीटर पानी लगता है, वहीं स्ट्रॉबेरी जैसी फलों में ड्रिप इरिगेशन से काफी कम पानी लगता है. कम पानी में ही जसकरण स्ट्रॉबेरी की क्वालिटी के हिसाब से 50 से 150 रुपये किलो तक कमा लेते हैं.


स्ट्रॉबेरी की खेती में सबसे बड़ी दिक्कत 
10 साल के अनुभव में जसकरण ने पाया है कि स्ट्रॉबेरी की खेती में सबसे बड़ी दिक्कत शुरुआत में लगने वाला पैसा है, जो स्ट्रॉबेरी बेड्स बनाने में लगता है. एक एकड़ में करीब 6 लाख रुपये का खर्च आता है, जिसमें पौधे, मजदूर, खाद, पैकेजिंग और स्टोरेज का पैसा शामिल है. कई बार विदेशों से पौधे मंगवाने पड़ते हैं, जिससे भी खर्च बढ़ जाता है. इसके बाद भी जसकरण सालाना 10-12 लाख रुपये की कमाई पर 4-5 लाख का मुनाफा कमा लेते हैं. स्ट्रॉबेरी की खेती सितंबर में शुरू होकर दिसंबर में खत्म हो जाती है. फिर इन्हें अप्रैल तक बेचा जाता है. जसकरण का सपना है कि वो एक प्रोसेसिंग प्लांट लगाएं जहां स्ट्रॉबेरी से कैंडी और जैम जैसे प्रोडक्ट बनाए जा सकें.