Milky Mushroom: 15 रुपये की लागत से शुरू करें मिल्की मशरूम की खेती, होगा 10 गुना मुनाफा!
Milky Mushroom Farming: आजकल खेती के जरिए किसान काफी मोटी कमाई कर रहे हैं. अगर आप भी एक्स्ट्रा कमाई के लिए कोई खेती करने की सोच रहे है तो आज हम आपको एक ऐसी खेती के बारे में बताएंगे, जिसके जरिए आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
Milky Mushroom Farming: आजकल खेती के जरिए किसान काफी मोटी कमाई कर रहे हैं. अगर आप भी एक्स्ट्रा कमाई के लिए कोई खेती करने की सोच रहे है तो आज हम आपको एक ऐसी खेती के बारे में बताएंगे, जिसके जरिए आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. पिछले कुछ सालों में किसानों का रुझान मशरूम की खेती की तरफ काफी बढ़ रहा है. वैसे तो मार्केट में मशरूम की कई किस्में मिलती हैं, लेकिन दूधिया मशरूम की खेती के जरिए आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
दूधिया मशरूम को मिल्की मशरूम के नाम से भी जाना जाता है. इसमें कई तरह के विटामिन, प्रोटीन और खनिज होते हैं. इस तरह के मशरूम कम जगह में और कम लागत में लग जाते हैं, लेकिन इसमें मुनाफा काफी ज्यादा मिलता है. इस तरह के मशरूम को आप लंबे समय तक स्टोर भी कर सकते हैं.
कितना होना चाहिए तापमान?
बता दें मिल्की मशरूम की खेती के लिए आपको ज्यादा तापमान की जरूरत होती है. इस तरह की खेती को ऐसे इलाकों में करना चाहिए, जहां पर तापमान अधिक रहता हो. इसके बीज को उगाने के लिए 25 से 35 डिग्री का तापमान होना चाहिए. वहीं, नमी की मात्रा 80 से 90 होनी चाहिए.
सूखे अवशेषों पर की जाए खेती
इस तरह के मशरूम की खेती सूखे अवशेषों पर की जाती है. इसके लिए आप पुआल, ज्वार, गन्ने की खोई, बाजरा और मक्का और भूसे का इस्तेमाल कर सकते हैं. खास बात यह है कि जिस कमरे में आप दूधिया मशरूम की खेती कर रहे हैं वहां पर साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाए.
मिल्की मशरूम जब बन जाते हैं तो उसके ऊपर बनी हुई टोपी करीब 5 से 6 सेमी मोटी होनी चाहिए. उसके बाद में उसको घुमाकर तोड़ लें. इसके बाद में आपको तने के मिट्टी लगे हुए नीचे वाले हिस्से को काट लें और पालीथीन बैग में 4-5 छेद करके पैक कर दें. लगभग 1 किलोग्राम सूखे भूसे वाले बैग में 1 किलोग्राम ताजे मशरूम का उत्पादन मिल जाता है.
10 से 15 रुपये आती है लागत
अगर इस खेती में आने वाले खर्च की बात की जाए तो वह भी काफी कम है. मशरूम की खेती में प्रति किलोग्राम की लागत 10 से 15 रुपये के आसपास बैठती है. वहीं, मार्केट में मशरूम की कीमत 150 से 250 रुपये प्रति किलो तक होगी. इस हिसाब से किसानों की लागत काफी कम होती है और मुनाफा काफी ज्यादा है.