Ashwini Nakshatra: नक्षत्र का अर्थ होता है न क्षरति, न सरति इति नक्षत्र अर्थात न गिरने वाला, न चलने वाला, जो स्थिर हो वही नक्षत्र है. राशि का सूक्ष्म रूप होता है नक्षत्र. जिस तरह ज्योतिष शास्त्र में 12 राशियां होती हैं, उसी तरह 27 नक्षत्र होते हैं. नक्षत्र बहुत ही रिफाइन बात है. एक राशि का निर्माण सवा दो नक्षत्रों से होता है. 27 नक्षत्रों में सबसे पहले नक्षत्र का नाम है अश्विनी. अश्विनी नक्षत्र का प्रतीक चिह्न घोड़ा होता है. इसी कारण यह नक्षत्र घोड़े के बहुत से गुणों के साथ जोड़ता है. घोड़ा यात्रा, आरंभ, गति आदि से जुड़ा हुआ होता है. 


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घोड़ा गति तथा शक्ति के लिए भी जाना जाता है यानी हॉर्स पॉवर. अश्विनी नक्षत्र पहला नक्षत्र है जो अपने आप में बहुत ही विलक्षण है. इस नक्षत्र के लोग भी बहुत ही विलक्षण गुणों के धनी होते हैं. यह नक्षत्र मेष राशि में पड़ता है, इसलिए मेष राशि वालों का यह नक्षत्र हो सकता है. 


गुणों की खान


इस नक्षत्र के लोग स्वभाव से उदार और दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहने वाले होते हैं. यह यात्रा करने में यह बहुत ही निपुण होते हैं. दौड़-भाग के काम बहुत ही सरलता से कर लेते हैं. यह लोग विपत्ति आने पर बिल्कुल भी घबराते नहीं हैं, बल्कि धैर्य का परिचय देते हुए दूसरों की भी सहायता करते हैं. अश्विनी नक्षत्र में जन्में लोग अपने कार्यों को पेंडिंग रखना पसंद नहीं करते हैं. यह अपने सभी कार्य बहुत ही शीघ्रता से करते हैं और इन्हें प्रतीक्षा करना सामान्यतः बिल्कुल भी पसंद नहीं होता है. इस नक्षत्र के लोग समय को व्यर्थ गंवाने में विश्वास नहीं रखते हैं, बल्कि इनके जीवन का ध्येय कर्म ही पूजा है होता है. यह लोग पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाने वाले होते हैं. इन्हें रोगियों की मदद करनी चाहिए, क्योंकि ये व्यक्ति किसी के प्राणों की रक्षा करने का निमित्त बन सकते हैं.


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