Bathroom Vastu Direction: वास्तु शास्त्र के अनुसार सही द दिशा में खड़े होकर नहाना भी व्यक्ति की किस्मत चमका सकता है. इतना ही नहीं, व्यक्ति को इस दौरान कई समस्याओं से मुक्ति भी मिलती है. जी हां, ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सही दिशा में मुंह करके नहाने से लोगों का भाग्य चमक सकता है. वास्तु जानकारों का कहना है कि अगर आप पूर्व दिशा की ओर मुंह करके नहाते हैं तो आप अपनी नकारात्मक ऊर्जा को भी पानी में बहा देते है. 


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बता दें कि पूर्व दिशा को सूर्य देव की दिशा माना गया है. सूर्य उगते समय अपने साथ सकारात्मक ऊर्जा लाता है. ऐसे में सुबह-सुबह इस दिशा में स्नान करना बेहद फायदेमंद होता है. इससे सकारात्मक ऊर्जा आपके शरीर की सभी नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देती है. इसका सीधा असर आपके जीवन पर पड़ता है और आप सुखदायी फल पाते हैं.


जानें बाथरूम से जुड़े कुछ खास वास्तु नियम


- वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में बाथरूम या तो उत्तर या उत्तर पश्चिम दिशा में होना चाहिए. इसे भूलकर भी दक्षिण, दक्षिण पूर्व या दक्षिण पश्चिम दिशा में नहीं बनाना चाहिए. वरना व्यक्ति को कई नकारात्मक ऊर्जा का सामना करना पड़ता है.  


- वास्तु जानकारों का कहना है कि बाथरूम कभी भी किचन के सामने या उससे सटा हुआ नहीं होना चाहिए. वहीं टॉयलेट की सीट या तो पश्चिम या उत्तर पश्चिम दिशा में होनी चाहिए.


- वहीं बाथरूम में पानी की बाल्टी या टब हमेशा भरकर रखना चाहिए. यदि बाल्टी खाली हो तो उसे हमेशा उल्टा रखें. यह घर में समृद्धि बनाए रखने में मदद करता है.


- बाथरूम के वास्तु में नीले रंग का बहुत महत्व होता है. नीला रंग खुशी को दर्शाता है. इसलिए बाथरूम में नीले रंग की बाल्टी और मग रखना बेहतर होता है.


- बाथरूम के दरवाजे हमेशा बंद रखने चाहिए. अगर इसे खुला छोड़ दिया जाए तो यह नकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और यह आपके करियर में बाधाएं पैदा कर सकता है.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)