Reasons for Anger in Astrology: वास्तव में क्रोध एक प्रकार की ऊर्जा है. आपने देखा होगा कि कुछ लोग बिल्कुल भी क्रोध नहीं करते हैं. कुछ लोग क्रोध में कुछ भी कर गुजरते हैं. जिन लोगों को कम क्रोध आता है, उनका क्रोध सकारात्मक ऊर्जा का काम करता है, लेकिन जब हम बहुत अधिक क्रोध करते हैं, तब यह ऊर्जा नकारात्मक प्रभाव डालती है. क्रोध आते ही सोचने-समझने की शक्ति भस्म हो जाती है. वाणी, मस्तिष्क व स्वयं पर क्रोध का गहरा प्रभाव पड़ता है.


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ग्रहों की स्थिति


जब फायरी प्लेनेट व्यक्ति के अंदर ऊर्जा बढ़ाते हैं तो उसका साइड इफेक्ट क्रोध के रूप में सामने आता है. ग्रहों की बदलती दशा के कारण व्यक्ति क्रोध कम या अधिक करता है. जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा, मंगल व सूर्य के साथ आता है, उन व्यक्तियों को अधिक क्रोध आता है.


जब कुंडली में चंद्रमा, मंगल और गुरु के साथ आता है, तब यह सकारात्मक क्रोध देता है. ऐसे लोग संतुलित मात्रा में क्रोध करते हैं. इसी तरह उसी जगह जब चंद्रमा का योग केतु के साथ होता है तो ऐसा क्रोध गुप्त क्रोध होता है, सामान्यतः अंतर्मुखी लोग गुप्त क्रोध करते हैं. इन्हें क्रोध तो आता है, लेकिन वे क्रोध को किसी से जताते नहीं हैं. 


उपाय


- कुछ व्यक्ति छोटी-छोटी बात पर क्रोधित होने लगते हैं, जो कि पूर्णत:गलत है, उनको यह एहसास होना चाहिए कि यह बात इतनी बढ़ी नहीं है, जिस पर वह गुस्सा कर रहे हैं. क्रोध को कम करने के कई उपायों में सबसे पहला उपाय ध्यान लगाना है. आप प्रात:काल जागकर शांत स्थान पर मेडिटेशन करें तो आपका मन शांत होगा. 


- जिन लोगों को अधिक क्रोध आता है, उन्हें गणेश स्तोत्र का नियमित पाठ कर गणेश जी से विवेक देने की प्रार्थना करनी चाहिए. भगवान गणेश जी विवेक के स्वामी हैं. आप गणेश जी की जितनी उपासना करेंगे, आपको उतना ही विवेक प्राप्त होगा, जिससे आपको पता चलेगा कि किन बातों पर शांत रहना है और किन बातों पर नाराजगी व्यक्त करनी है. 


- क्रोध करने का तीसरा उपाय हनुमान जी की शरण में जाना है. मंगलवार को लाल पुष्प हनुमान जी को अर्पित करें और माथे पर लाल चंदन का तिलक लगाकर अपने मन को शांत रख सकते हैं.