Bhadrapada Month 2022: भाद्रपद में हैं भूलकर भी न करें ये अशुभ काम, झेलना पड़ सकता है भयंकर नुकसान
Bhadrapada Month Panchang: रक्षाबंधन के बाद भाद्रपद माह की शुरुआत हो चुकी है. हर माह का अपना अलग महत्व होता है. इतना ही नहीं, हिंदू धर्म में हर माह के कुछ नियम बताए गए हैं. भाद्रपद माह में कुछ अशुभ कार्यों की मनाही होती है. आइए जानें.
Bhadrapada Month 2022 Start Date: सावन के बाद भादो (भाद्रपद) माह की शुरुआत होती है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार ये साल का छठा महीना होता है और चातुर्मास का दूसरा महीना भादो का होता है. हर महीने का अपना अलग महत्व होता है और अलग देवता को समर्पित होता है. इस माह में भगवान श्री कृष्ण और गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व बताया जाता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भादों का महीना भक्ति का महीना माना जाता है. इस माह में जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी जैसे बड़े पर्व मनाए जाते हैं. भाद्रपद माह की शुरुआत 12 अगस्त से हुई थी और इसका समापन 10 सितंबर के दिन होगा. धार्मिक ग्रंथों में हर माह को लेकर कुछ जरूर नियम बताए गए हैं. आइए जानें भाद्रपद माह में किन चीजों को करने की सख्त मनाही होती है.
भाद्रपद माह में न करें ये चीजें
- मान्यता है कि इस माह में भगवान का जप, पूजा और व्रत आदि करते समय व्यक्ति को पूर्ण रूप से ब्रह्मचार्य व्रत का पालन करना चाहिए. इतना ही नहीं, इस माह में तामसिक चीजों का सेवन न करें.
- कहते हैं कि इस माह में पापों के नाश के लिए और पुण्य की प्राप्ति के लिए जो जातक व्रत रखते हैं, उन्हें पंलग पर सोने का त्याग करना चाहिए. किसी के लिए मन से अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
- भादों में लहसुन, प्याज, नॉनवेज जैसी चीजों का सेवन भूलकर न करें. कहते हैं इस माह में जितना संभव हो सादा जीवन जीना चाहिए. जमीन पर सोना चाहिए.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भादो में विवाह, गृह प्रवेश, सगाई जैसे शुभ कार्यों की शुरुआत करने से मना किया जाता है.
- ऐसा भी कहा जाता है कि इस माह में गलती से भी गुड़, दही और इससे बनी चीजों का सेवन न करें.
- वहीं, इस महीने दूसरों से उधारी न मांगे. साथ ही, दूसरों का दिया हुआ चावल भी इस माह में नहीं खाना चाहिए.
- कहते हैं कि भादों के रविवार का विशेष महत्व है. इस दिन सूर्य की अराधना करने से व्यक्ति के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है. नौकरी और व्यापार में सफलता मिलती है. संभव हो तो इस माह के सभी रविवार को सूर्य देव को जल अर्पित करें. नमक का सेवन करें और बाल न कटवाएं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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