`बुध` की राशि में इन 2 ग्रहों का मिलन करेगा छप्परफाड़ धनवर्षा, बरसेगा इतना पैसा कि बैठकर खाएंगी 7 पुश्तें
Vipreet Rajyog: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों के राशि परिवर्तन से दूसरे ग्रहों के साथ युति होने से कई तरह के शुभ और अशुभ योगों का निर्माण होता है. ऐसे ही बुध और सूर्य की युति होने से बुधादित्य योग के साथ विपरीत राजयोग का निर्माण हो रहा है. जानें इस दौरान किन राशि वालों को विशेष लाभ मिलने वाला है.
Budh-Surya Yuti Laabh: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में सिर्फ ग्रहों के गोचर, वक्री और उदय-अस्त का ही महत्व नहीं है. बल्कि ग्रहों से बनने वाले शुभ और अशुभ राजयोग का भी खास महत्व है. इन योगों का प्रभाव व्यक्ति के जीवन से लेकर देश-दुनिया पर देखने को मिलता है. बता दें कि बुध मिथुन राशि में प्रवेश कर चुके हैं और सूर्य जुलाई में मिथुन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. ऐसे में बुधादित्य योग के साथ विपरीत राजयोग का निर्माण होगा. इस दौरान कई राशि वालों को अचानक से बड़ी सफलता हाथ लगेगी. इतना ही नहीं, कई राशियों के जातकों पर इसका प्रभाव दिखाई देगा. आइए जानें ऐसी ही राशियों के बारे में.
कर्क राशि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध कर्क राशि के तीसरे और बाहरवें भाव के स्वामी हैं. द्वादश भाव में सूर्य के साथ बैठे हुए हैं. ऐसे में इस राशि वालों के लिए विपरीत राजयोग शुभ साबित होगा.इतना ही नहीं, इस अवधि में विदेशों से जुड़े हुए व्यापार में मुनाफा हो सकता है. बैंकिग, निवेश, आयात-निर्यात से जुड़े लोगों को इस अवधि में विशेष लाभ होगा. इतना ही नहीं सूर्य के प्रभाव से इस दौरान कार्यक्षेत्र में सम्मान मिलेगा. रुके हुए कार्य पूरे होंगे.
वृश्चिक राशि
बता दें कि वृश्चिक राशि के आठवें भाव में विपरीत राजयोग का निर्माण हो रहा है. इस राशि के जातकों की गोचर कुंडली में बुध एकादश और अष्टम भाव के स्वामी हैं और इसी भाव में स्थित हैं. इस दौरान इनके साथ सूर्य के होने से इनका प्रभाव बढ़ जाएगा. ऐसे में आपकी सेहत अच्छी रहेगी. किसी पुरानी बीमारी से छुटकारा मिल सकता है. इतना ही नहीं, नौकरी व्यवसाय में आकस्मिक धन आगमन के योग बन रहे हैं. आध्यात्म में रुचि बढ़ेगी. इस अवधि में रिसर्च या छानबीन से जुडे़ लोगों को लाभ होगा.
मकर राशि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर राशि में विपरीत राजयोग इस राशि वालों के लिए शुभ फलदायी साबित होगा. बता दें कि इस राशि की गोचर कुंडली में बुध ग्रह छठे और नवम भाव के स्वामी माने जाते हैं. साथ ही वे छठे भाव में स्थित हैं. वहीं, अष्टमेश सूर्य छठे भाव में मौजूद है. ऐसे में इस समय कोर्ट-कहरी के मामलों में व्यक्ति के सफलता हासिल होगी. व्यक्ति के साहस और पराक्रम में इस समय वृद्धि होगी. इतना ही नहीं, इस समय आप कर्जा चुकाने में सफल रहेंगे. सेहत में सुधार देखने को मिलेगा. इतना ही नहीं, व्यक्ति को शत्रुओं पर विजय हासिल होगी.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)