Gayatri Mantra Jaap Vidhi: गायत्री मंत्र का जाप संकटों से उबार देता है. साथ ही गायत्री मंत्र जाप में हर मनोकामना को पूरा करने की ताकत होती है. धर्म-शास्‍त्रों में इसे बेहद ताकतवर मंत्र माना गया है क्‍योंकि इसमें 24 शक्तियों का वास होता है. इस मंत्र का जाप करने से तनाव दूर होता है. मन को शांति मिलती है. सोच सकारात्‍मक होती है. एकाग्रता बढ़ती है. यदि नियमित रूप से सही तरीके से गायत्री मंत्र का जाप किया जाए तो हर मनोकामना पूरी हो सकती है. इसमें कुंडली के ग्रह दोषों के कारण मिल रहे अशुभ नतीजों से बचाने की भी ताकत होती है. 


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गायत्री मंत्र और उसका अर्थ 


गायत्री मंत्र - 'ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।'
इसका अर्थ है कि जिस सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें.


त्रिदेव भी करते थे गायत्री मंत्र जाप 


धर्म-शास्‍त्रों में उल्‍लेख है कि त्रिदेव यानी कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश भी गायत्री माता की पूजा करते हैं. पूजा के दौरान ही ब्रह्मा जी के मुख से खुद ब खुद गायत्री मंत्र निकल पड़ा था. मान्यता है कि गायत्री मंत्र में चारों वेदों का सार छिपा है. इसके 24 अक्षरों में 24 शक्तियां समाहित हैं. इस मंत्र में किसी भी काम में सफलता दिलाने की ताकत है. हालांकि गायत्री मंत्र का पूरा लाभ पाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है. 


गायत्री मंत्र जाप के नियम और सही विधि 


- गायत्री मंत्र जाप करने का सही समय सुबह का है. इसके लिए सूर्योदय से पहले मंत्र जाप शुरू करें और सूर्योदय के बाद तक जारी रखें. यदि सुबह गायत्री मंत्र जाप न कर पाएं तो दोपहर में भी जाप कर सकते हैं. वहीं शाम के समय सूर्यास्‍त से पहले ही जाप शुरू कर दें और सूर्यास्‍त होने पर खत्‍म कर दें. 


- सूर्यास्‍त के बाद गायत्री मंत्र का जाप करना अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से नकारात्‍मकता आती है. 


- गायत्री मंत्र का जाप हमेशा स्‍नान करने के बाद साफ कपड़े पहनकर ही करना चाहिए. 


- गायत्री मंत्र जाप करते समय मन में बुरे विचार नहीं आने दें. वरना कितना भी जाप करें, फल नहीं मिलेगा. 


- गायत्री मंत्र जाप करते समय कम से कम 21, 51 बार या 108 बार जाप करें. एक से ज्‍यादा माला भी कर सकते हैं. 


- मंत्र जाप करते समय कुश के आसन पर बैठें और अपना मुख पूर्व या पश्चिम की ओर रखें. 


- गायत्री मंत्र जाप के लिए तुलसी या चंदन की माला को सबसे ज्‍यादा शुभ माना गया है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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