Navratna Ring How to Wear: ज्योतिष शास्त्र की रत्‍न शास्‍त्र शाखा में तमाम ग्रह दोषों को दूर करने के लिए कई तरह के उपाय बताए गए हैं. ये रत्‍न, उपरत्‍न बहुत लाभ देते हैं और समस्‍यओं से निजात दिलाते हैं. आज हम नवरत्‍न अंगूठी के बारे में जानते हैं, जिसका रत्‍न शास्‍त्र में विशेष महत्‍व है. नवरत्‍न अंगूठी कई तरह के ग्रह दोष और नकारात्‍मकता दूर करती है. यह पर्सनालिटी को मजबूती देती है, यही वजह है कि कई बड़े राजनेता नवरत्‍न अंगूठी पहने रहते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नवरत्‍न अंगूठी पहनने के लाभ 


नवरात्‍न अंगूठी पहनने से जीवन से नकारात्‍मकता दूर होती है. पर्सनालिटी मजबूत होती है. सेहत संबंधी समस्‍याएं नहीं होती हैं. सौभाग्‍य बढ़ता है, कामों में सफलता मिलती है. चूंकि ये अंगूठी सभी 9 ग्रहों का प्रतिनिधित्‍व करती है इसलिए इन ग्रहों के बुरे प्रभाव दूर होते हैं और शुभ फल में इजाफा होता है. शरीर में सकारात्‍मक ऊर्जा बढ़ने से व्‍यक्ति का साहस, उत्‍साह बढ़ता है. 


हर ग्रह के लिए होता है अलग रत्न 


नवरत्न अंगूठी में 9 ग्रहों के 9 रत्न लगे होते हैं. यानी कि हर ग्रह का प्रतिनिधि रत्‍न होता है. इसमें सूर्य के लिए रूबी या माणिक्‍य, चंद्रमा के लिए मोती, मंगल के लिए मूंगा, बुध के लिए पन्ना, गुरू के लिए पुखराज, शुक्र ग्रह के लिए हीरा, शनि के लिए नीलम, राहु के लिए गोमेद और केतु के लिए कैट्स रत्न इसमें लगाए जाते हैं. 


नवरत्न अंगूठी धारण करने की विधि


नवरत्‍न अंगूठी को सोने में धारण करना सबसे ज्‍यादा शुभ माना गया है. इसे अष्‍टधातु में ही धारण किया जा सकता है. हालांकि हालांकि अन्‍य रत्‍नों की तरह नवरत्‍न अंगूठी विशेषज्ञ की सलाह से ही धारण करना चाहिए. साथ ही पूरे विधि-विधान से धारण करना चाहिए. नवरत्‍न अंगूठी को सूर्योदय के बाद 1 घंटे के अंदर धारण कर लेना चाहिए. इसे धारण करने के लिए किसी भी महीने के शुक्‍ल का शुक्रवार या रविवार सबसे उत्‍तम होता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


अपनी निःशुल्क कुंडली पाने के लिए यहाँ तुरंत क्लिक करें