Importance of 108 Numbers in Sanatan Dharma: आपने अक्सर देखा होगा कि सनातन धर्म (Sanatan Dharma) में अक्सर 108 मंत्रों के जाप या 108 मनकों की माला पहनने पर काफी जोर दिया जाता है. हिंदू धर्म ही नहीं, बौद्ध धर्म में भी 108 के अंक को काफी शुभ माना गया है. आखिर हिंदू और बौद्ध धर्म में 108 की इतनी महत्ता (108 Number) क्यों है. क्या आप इसकी वजह जानते हैं. अगर आपको इसकी वजह नहीं पता तो कोई बात नहीं. आज हम आपको इसका पूरा रहस्य बता देते हैं. 


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इन वजहों से 108 अंक माना गया है शुभ


रुद्राक्ष की माला से संबंध


कहा जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है. भगवान भोलेनाथ की आराधना भी रुद्राक्ष की माला से की जाती है. चूंकि शिव आराधना में 108 खंड होते हैं, इसलिए इस माला में मौजूद मनकों की संख्या भी 108 (108 Number) रखी जाती है. माना जाता है कि अगर आपने माला के 108 मनकों को फिरा लिया तो आपने उनकी आराधना के सभी 108 खंडों की स्तुति कर ली. ऐसा करने से आपको भोलेनाथ की भरपूर कृपा मिलती है.


ज्योतिष विद्वानों के अनुसार


ज्योतिष विद्वानों के मुताबिक कुल राशियों की संख्या 12 होती हैं और दुनिया में 9 ग्रह विचरण करते हैं. जब इन 12 अंक को 9 से गुणा करते हैं तो  108 अंक आता है. इस 108 अंक को शुभ इसलिए माना जाता है कि सभी 12 राशियों पर ब्रह्मांड में मौजूद 9 ग्रहों की कृपा हमेशा बनी रहे. इसलिए इस अंक को काफी महत्ता दी जाती है.


भगवान शिव का तांडव नृत्य


भगवान शिव जब अत्यंत क्रोधित होकर अलौकिक तांडव नृत्य शुरू करते हैं तो उनकी 108 नृत्य मुद्राएं बन जाती हैं. पुराणों में इन मुद्राओं और भोले शंकर के 108 गुणों का वर्णन किया गया है. यही वजह है कि सनातन धर्म में 108 अंक को इतनी महत्ता (Importance of 108 Numbers in Sanatan Dharma) दी गई है. 


गोपियों की संख्या भी है वजह


108 अंक का रहस्य भगवान श्रीकृष्ण से भी जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि वृंदावन में कई गोपियां थीं, जो भगवान श्रीकृष्ण को पसंद करती थीं लेकिन उन्हें 108 गोपियां बेहद प्रिय थीं. इसकी वजह ये थी कि इन्हीं 108 गोपियों के साथ कान्हा का बचपन पीता था. इसलिए भी इस अंक को शुभ माना जाता है. 


बौद्ध धर्म के लिए भी अहम


सनातन धर्म ही नहीं, बौद्ध धर्म में भी 108 अंक को बहुत महत्ता (Importance of 108 numbers in Buddhism) दी जाती है. जापान में बौद्ध धर्म के अनुयायी नए साल के आगमन और बीत रहे साल को विदाई देने के लिए 108 बार मॉनेस्ट्री की घंटियों को बजाते हैं. ऐसा करके वे मानते हैं कि मानव जीवन में कुल 108 भावनाएं होती हैं, जिन्हें वे साल बदलने के साथ ही शुभ करना चाहते हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 


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