Shankh Bajane ke Niyam: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ में शंख बजाना काफी जरूरी माना जाता है. पूजा-पाठ के साथ हवन, अनुष्ठान, विवाह, गृह-प्रवेश कई शुभ कार्यों के दौरान शंख बजाया जाता है. शंख को यश, सुख-समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना गया है. इसका इतना महत्व है कि शंख बजाए बिना पूजा अधूरी मानी जाता है. हालांकि, लोगों को यह नहीं पता होता कि शंख को बजाने के कुछ नियम भी होते हैं तो आइए जानते हैं कि शंख बजाने से लेकर इसको रखने के क्या नियम होते हैं.


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दो शंख का इस्तेमाल


अक्सर लोग अपने घरों में एक शंख रखते हैं, लेकिन घरों में दो शंख होने चाहिए. एक शंख में जल भरकर रखना चाहिए और दूसरे का इस्तेमाल बजाने के लिए किया जाना चाहिए. शंख को सुबह और शाम के वक्त पूजा के समय बजाना चाहिए.


भगवान शंकर की पूजा


भोलेनाथ की पूजा कर रहे हैं तो कभी शंख नहीं बजाना चाहिए. इसके साथ ही भगवान शिव का अभिषेक शंख में जल भरकर नहीं करना चाहिए. पूजा के बाद हमेशा शंख को धोकर रखना चाहिए. इसको कभी भी झूठा मंदिर में नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने से भगवान की कृपा प्राप्त नहीं होती है.


ऐसे रखें शंख


पूजा के बाद जब शंख को रखें तो इसके बजाने या खुले हुए भाग को हमेशा ऊपर की तरफ ही रखना चाहिए. पूजा में शंख को भगवान की प्रतिमा के दाईं ओर रखना चाहिए. 



मां लक्ष्मी होती हैं प्रसन्न


ऐसा माना जाता है कि पूजा में शंख बजाने से इंसान को पापों से मुक्ति मिलती है. जिस घर में सुबह और शाम के वक्त शंख बजाया जाता है. वहां, नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 


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