Iron Ring Benefits: ज्योतिष शास्त्र की मानें तो शनि देव को कर्मों का देवता माना जाता है. शनि को ग्रहों का दंडाधिकारी भी कहा जाता है. इसका अर्थ है कि व्यक्ति के शुभ या अशुभ कर्मों के अनुसार शनि देव उसे फल प्रदान करते हैं. यदि किसी व्यक्ति ने कोई गलत काम किया है तो उसे उसके अनुसार शनि देव दंड देते हैं. अगर किसी व्यक्ति को शनि की पीड़ा को कम करना है तो उसे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लोहे का छल्ला पहनना चाहिए. आइए विस्तार में जानते हैं कि लोहे के छल्ले को कैसे और किन नियमों के तहत पहनना उचीत होगा!


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जानें लोहे के छल्ले का महत्व


बता दें कि यह लोहा का छल्ला कोई आम लोहे का नहीं होता है. यह काले घोड़े की नाल या फिर नाव के कील से बना होता है. दरअसल घोड़े की पैरों की घिसी हुई नाल और समुद्री लहरों से टकराई हुई नाव की कील में एक विशेष प्रकार की चुंबकीय प्रभाव पैदा हो जाती है. यही वजह है कि इन लोहे के बनें छल्ले शनि की पीड़ा को कम करने में मदद करते हैं.  


कैसे बनवाएं लोहे का छल्ला


ध्यान रखें कि लोहे के छल्ले को बनवाते वक्त कभी भी इसे आग में तपा कर ना बनवाएं. इसके बजाय छल्ले को पीट पीट कर या फिर काट काटकर ही इसकी अंगूठी बनवाएं. ऐसा करने से ही शनि की पीड़ा कम होने में मदद मिलेगी.  


ऐसे करें लोहे के छल्ले को धारण


शनिवार के दिन लोहे के छल्ले को सुबह के समय में एक कटोरी में सरसों तेल डालकर उसमें डुबो दें. शाम के समय फिर इस छल्ले को निकाल कर पानी से साफ कर लें. अब इसे अपने सामने रख कर ओम् शं शनैश्चराय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें. अब इस छल्ले को दाएं या फिर बाएं हाथ की बीच वाली अंगुली में पहन लें.


इन राशियों को पहनना चाहिए लोहे का छल्ला


कुंभ, मकर, कर्क, वृश्चिक और मीन राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव चल रहा है. ऐसे में इन राशि के लोगों को शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए लोहे का छल्ला धारण करना चाहिए. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)