Shash Raj yog: वैदिक ज्योतिष के अनुसार हर ग्रह का प्रभाव अलग है. व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों का प्रभाव अलग-अलग होता है. 
जहां कुछ ग्रह व्यक्ति को धन लाभ पहुंचाते हैं. वहीं, कुछ योग व्यक्ति के लिए अशुभ साबित होते हैं. शनि को न्याय के देवता के नाम से जाना जाता है. कहते हैं कि व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों का फल उन्हें जल्द मिलता है.


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कुंडली में शनि की अशुभ स्थिति जहां व्यक्ति को अर्श से फर्श पर ले आती है. वहीं, शनि के शुभ होने पर व्यक्ति को अमीर होने में भी समय नहीं लगता. बता दें कि कुंडली में शनि के ऐसे योग भी होते हैं जिसकी वजह से उन्हें राजयोग की प्राप्ति होती है. शनि के प्रभाव से कुंडली में शश राजयोग बनता हैं जिससे व्यक्ति को हर सुख-सुविधा, मान-सम्मान और धन-दौलत की प्राप्ति होती है.
 
आइए जानते हैं कि कैसे किसी व्यक्ति के कुंडली में बनता है शश राजयोग.
 
कैसे बनता है शश राजयोग


शश योग की उत्पत्ति तब होती है जब शनि लग्न भाव से या चंद्र भाव से केंद्र भाव पर हो यानि कि शनि देव किसी की कुंडली में लग्न और या चंद्रमा से 1,4,7 और 10 स्थान में तुला, मकर या कुंभ राशि के कुंडली में विराजमान हो तो ऐसी कुंडली में शश राजयोग का निर्माण होता है. ऐसे लोगों की कुंडली काफी अलग और भाग्यशाली मानी जाती है. 
 
शश योग के लोग पाते हैं खूब मान-सम्मान


अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में यह राज योग बन रहा है तो वह बड़ा राजनेता बन सकता है. यदि शनि देव किसी की कुंडली में उच्च में बैठते हैं तो वह व्यक्ति अपने करियर में काफी नाम कमाता है. ऐसे लोगों को रोग से उभरने की मजबूत क्षमता होती है. इन राजयोग के योग के लोगों को धन संपदा की कोई कमी नहीं होती. 


इसके साथ ही यह राजयोग जातकों  को शनि के दुष्प्रभावों से भी दूर रहने में मदद करता है. ऐसे लोगों की जिंदगी ऐशो-आराम से भरपूर होती है. इनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. समाज में इनका नाम होता है और पद प्रतिष्ठता में भी बढ़ोतरी होती है.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)