Shradh Paksha 2023: पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से होगी, जो 14 अक्टूबर तक चलेगा. इस दौरान लोग अपने पूर्वजों या पितरों को प्रसन्न करने और उनकी आत्मा की तृप्ति के लिए विभिन्न तरह के उपाय करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस 16 दिन के पक्ष के दौरान धार्मिक कार्य और दान इत्यादि भी करना चाहिए, जिसको देखकर पितर प्रसन्न हो जाते हैं. इस दौरान पितरों को श्रद्धा के साथ तृप्त करना चाहिए, ताकि उनके आशीर्वाद से भाग्य के दरवाजे खुल जाएं. 


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कर्म


पितृपक्ष के 16 दिनों तक नियमित रूप से किसी गरीब को भोजन कराने की व्यवस्था करानी चाहिए. यह कार्य घर पर न हो सके तो लंच पैकेट बनाकर देना चाहिए. अनाथालय में गरीब बच्चों के लिए आर्थिक रूप से मदद करनी चाहिए. बच्चों को भोजन, वस्त्र, पुस्तकें आदि भी दान दी जा सकती है. 


सौभाग्य का संकेत


यदि आपके घर में कौवे आते हैं तो समझ लीजिए कि आप बहुत सौभाग्यशाली हैं क्योंकि आज कल कौवे दिखाई ही कम देते हैं. कौवों के लिए नियमित रूप से खाना पानी की व्यवस्था करें. यदि छत हो तो वहां पर यह व्यवस्था करें नहीं तो बालकनी और यह भी न हो सके तो बाहर किसी पार्क आदि में रखें ताकि कौआ व पक्षी आकर खाएं. एक बात और ध्यान रखिए कि भोजन का एक समय सुनिश्चित कर लें, क्योंकि पक्षी उसी समय प्रतीक्षा करते हैं और उनको प्रतीक्षा कराना यानी पितरों को इंतजार कराना है. पितरों को प्रसन्न करने के लिए कुत्तों और गाय के लिए भी नियमित रूप से भोजन निकालना चाहिए. यदि वह न खाएं तो उनसे मन ही मन में प्रार्थना करनी चाहिए कि पितर हमें क्षमा करें, आप हमारा भोजन ग्रहण करें. 


पौधारोपण


पितरों की याद में दीर्घायु होने वाले वृक्ष लगाएं जैसे अशोक, बरगद, पीपल, नीम आदि. घर में पितरों की जो फोटो हो, उनको फ्रेम कराकर ताजे पुष्पों की माला नित्य पहनानी चाहिए. यह सिलसिला पितृ पक्ष तक अखंडित रखें. शिव मंदिर की साफ-सफाई करनी चाहिए. यदि किसी मंदिर का जीर्णोद्धार हो रहा हो तो वहां पर गुप्त दान करें.


श्राद्ध और तर्पण


परंपरागत रूप से श्राद्ध और तर्पण करते हैं तो उसे अवश्य करते रहिए. भोजन से पहले अपने हिस्से की पहली रोटी में एक चौथाई रोटी निकालें और इसे चिड़िया, पक्षी अथवा गाय को खिलाएं. पितरों के लिए नियमित घर में दीपक, धूप आदि जलाएं. अमावस्या को पितरों के नाम से धूप, दीप आदि करें और गरीब व्यक्ति को यथा योग्य भोजन कराएं. हर अमावस्या को गाय को 5 फल खिलाएं और रोज प्रातः पूजा के समय ऊं पितराय नमः का कम से कम 21 बार जाप करें. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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