Dhan Yog In Kundli: हर व्यक्ति चाहता है कि उसके पास खूब धन-दौलत हो. वह ऐशो-आराम से जिंदगी जिए. इसके लिए वह व्यक्ति दिन-रात मेहनत करता है. लेकिन कई बार  व्यक्ति को भाग्य का साथ नहीं मिलता और मेहनत के बाद भी जीवन में वो चीजें हासिल नहीं कर पाता,जो वो चाहता है. किस्मत का साथ तभी मिलता है, जब व्यक्ति की कुंडली में धन योग हो. इन योगों के होने पर व्यक्ति को जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं रहती. सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है और घर सुख-समृद्धि से भरा रहता है. जानें कुंडली में किन ग्रहों के होने से व्यक्ति को धन-संपत्ति की भरपूर प्राप्ति होती है.


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कुंडली में ये योग माने जाते हैं शुभ


शास्त्रों के अनुसार कुंडली में बनने वाले कुछ विशेष योग के प्रभाव में व्यक्ति धनवान बन सकता है. जन्म कुंडली का दूसरा भाव धन-संपत्ति का कारक है. इस भाव में शुभ ग्रहों की उपस्थिति में व्यक्ति को अपार धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है.


जन्म कुंडली का दूसरा घर धन का होता है. इससे ही मालूम किया जाता है कि व्यक्ति के पास पैसा होगा या नहीं. जिस व्यक्ति की कुंडली में दूसरे घर पर शुभ ग्रह स्थित हो ऐसा व्यक्ति जीवन में खूब धन कमाता है.


अगर कुंडली में मंगल केंद्र स्थान यानी पहले, चौथे, 7वें या 10वें भाव में होता है और अपनी उच्च राशि मकर, मेष में होता है तो ऐसा व्यक्ति अपने जीवन में सारे सुख प्राप्त करता है.


अगर किसी व्यक्ति की कुंडली के दूसरे घर में चंद्रमा स्थित हो तो ऐसा व्यक्ति बहुत धनवान होता है.


अगर कुंडली में शनि पहले, चौथे, सातवें या दसवें घर में होता है या स्वराशि मकर या कुंभ में विराजमान होता है तो व्यक्ति धनवान बनता है. साथ ही तुला राशि में शनि बैठा हो तब भी इसके शुभ परिणाम मिलते हैं.


अगर कुंडली के पांचवे स्थान में बुध की राशि कन्या या मिथुन हो और उसमें शुभ ग्रह हो लाभ स्थान में चंद्र के साथ मंगल हो तो ऐसा व्यक्ति बहुत धनवान होता है.


अगर कुंडली के पांचवे स्थान में गुरु की राशि धनु या मीन हो उसमें गुरु स्थित हो और लाभ घर में चंद्र के साथ बुध युति करे तो ऐसा व्यक्ति बहुत धन अर्जित करता है.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)