Vastu Dosh Meaning: निवास या कार्यस्थल में अंजानवश कुछ वास्तु दोष ऐसे हो जाते हैं, जिनके कारण परेशानियों का आना-जाना लगा ही रहता है. घर में बीमारियां घुसती ही चली आती हैं. एक बीमारी ठीक होती है तो दूसरी आ जाती है. घर का एक सदस्य पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाता है और दूसरा व्यक्ति चारपाई यानी बिस्तर पकड़ लेता है. यदि घर में चीजें व्यवस्थित और वास्तु के अनुसार रखी गई हो तो यह लाभ के साथ आरोग्य भी देते हैं. आइए कुछ ऐसे वास्तु दोष के बारे में जानेंगे, जिनसे आ रही दिक्कतों को समझकर किसी ज्योतिषी की सलाह से उसे ठीक कर सके. 


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- आपके भवन का मुख्य द्वार यदि वायव्य कोण यानी उत्तर पश्चिम में हो तो इस तरह का द्वार कभी आपको घर में शांति से बैठने नहीं देगा. ऐसा द्वारा आपको बेकार की यात्राएं कराता रहेगा. महिलाओं में मानसिक अस्थिरता भी देखने को मिल सकती है.


यदि आपके घर में पूर्व दिशा से अधिक खाली स्थान पश्चिम दिशा में है तो यह आपको अपयश का भागीदार बनाएगा. यदि आप किसी का भला भी करने जाएंगे तो आपको अपयश अधिक मिलता नजर आएगा. 


- आपके घर का सेप्टिक टैंक यदि पूर्व और दक्षिण दिशा यानी आग्नेय कोण में है तो इससे धन की हानि होती है. कोई न कोई अनावश्यक खर्च लगा रहता है. घर में रोग पांव फैलाता है, जिससे कोई न कोई बीमार बना रहता है. इतना ही नहीं महिलाओं का जीवन भी कष्टमय बना रहता है. 


- आपके घर के ईशान कोण अर्थात उत्तर पूर्व दिशा के मध्य स्थान पर अंडरग्राउंड पानी की टंकी है तो यह आपको उत्तम फल देने वाला होगा. घर के पश्चिम दिशा में किचन बनाया गया है तो इससे भी आपको लाभ ही प्राप्त होगा, किंतु वह लाभ धनवान न बनाते हुए आर्थिक स्थिति को बिगड़ने नहीं देगा. 


- घर में बच्चों का कमरा वायव्य कोण यानी उत्तर और पश्चिम के मध्य स्थान की ओर हो तो पढ़ने वाले बच्चों या फिर कुंवारी लड़कियों के लिए हितकारी रहता है. 


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