God Face Direction: सनातन धर्म में पूजा-पाठ को काफी महत्व दिया गया है. इससे इंसान में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है. पूजा के लिए मंदिर बनाए गए हैं. हालांकि, समय न मिल पाने की वजह से लोग घर पर ही मंदिर बनाकर भगवान की पूजा करते हैं. हालांकि, इस दौरान वह मंदिर और मूर्ति स्थापना के लिए सही दिशा का ध्यान नहीं रख पाते हैं. हालांकि, वास्तु के हिसाब से मंदिर और भगवान के मुख की सही दिशा होनी चाहिए. ऐसा न करने पर पूजा का फल नहीं मिल पाता है.


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पूर्व दिशा


घर में मंदिर बनवाते समय या मूर्ति स्थापित करते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि भगवान के मुख की दिशा पूर्व होनी चाहिए. पूर्व दिशा को सकारात्मक ऊर्जा की दिशा माना जाता है. इसी दिशा से सुबह से समय भगवान भास्कर भी उदय होते हैं.


उत्तर दिशा


वहीं, पूजा करने वाले भक्तों का मुख हमेशा उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए. पूजा करते समय कभी भी भगवान के सामने नहीं बैठना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि भगवान की मूर्ति में का ताप इंसान सहन नहीं कर सकते हैं.


पूजा-पाठ


जैसे भगवान राम के चरणों के किनारे पर हनुमान जी बैठे हैं, ठीक उसी तरह बगल में बैठकर भगवान की पूजा करनी चाहिए. घर में मंदिर बनवाते समय हमेशा वास्तु शास्त्र का ध्यान रखना चाहिए. इससे घर में निगेविट एनर्जी प्रवेश नहीं करेगी. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)