Vastu Tips for School Construction: देश में बच्चों की पढ़ाई के लिए आजकल बजट स्कूल खोलना बढ़िया प्रोफेशन माना जा रहा है. ऐसे बजट स्कूलों से न केवल हर वर्ग के बच्चों को पढ़ने का बेहतरीन अवसर मिल जाता है बल्कि काफी सारे लोगों को रोजगार भी मिलता है. सही विधि विधान के साथ खोले गए स्कूल बच्चों से संस्कार की नींव का निर्माण करने में अहम भूमिका निभाते हैं. वास्तुविदों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति अपना नया स्कूल खोलना चाहता हो तो उसे कुछ वास्तु नियमों का ध्यान रखना चाहिए वरना उसे इस प्रोफेशन में भारी घाटा उठाना पड़ सकता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

स्कूल के लिए वास्तु टिप्स (Vastu Tips for New School)


स्कूल की लोकेशन 


वास्तु शास्त्र के मुताबिक स्कूल की सफलता में उसकी लोकेशन बहुत मायने रखती है. कोशिश करें कि स्कूल आबादी के बीचोंबीच या आसपास ही खोलें, जिससे बच्चों के लिए वहां तक आना-जाना आसान हो सके. 


हवादार हो परिसर


आप स्कूल (Vastu Tips for New School) के लिए जो भी बिल्डिंग बनाएं, उनके कमरों में हवा और रोशनी के जाने के लिए उचित वेंटीलेशन हो. इसके लिए आप बिल्डिंग के आगे-पीछे जगह छोड़ सकता हैं और कमरों की खिड़कियां को बड़ा बना सकते हैं. इस बात का भी ध्यान रखें कि खिड़कियों की दिशा उत्तर या पूर्व में होनी चाहिए. 


कक्षाओं का स्थान


वास्तु शास्त्र के मुताबिक बच्चों के बैठने के लिए क्लास रूम का मुंह उत्तर या उत्तर पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए. पढ़ाई के वक्त पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठने वाले छात्र तेजी से चीजों को सीखते हैं. ऐसा करने से क्लास में एकाग्रता भी बनी रहती है. 


स्कूल का एंट्री गेट


जब आप नया स्कूल (Vastu Tips for New School) बनाना शुरू करें तो उसका एंट्री गेट पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए. इन दिशाओं से स्कूल में प्रवेश करना शुभ माना जाता है. अगर बच्चों की संख्या ज्यादा बड़ा करना चाह रहे हों तो इन्हीं दोनों दिशाओं में एक से ज्यादा गेट भी बनाए जा सकते हैं. 


प्रार्थना सभागार के लिए स्थान


वास्तु शास्त्र के मुताबिक स्कूल (Vastu Tips for New School) में बच्चों के प्रार्थना करने के लिए जिस प्रार्थना स्थल का निर्माण किया जाए, उसे स्कूल के उत्तर पूर्व दिशा में बनाया जाना चाहिए. इस दिशा में प्रार्थना करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और उस स्कूल पर अपनी खूब कृपा बरसाते हैं.