Free Vastu Tips for Home: घर में वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार, कार्य न किए जाएं तो गृह कलेश, आर्थिक तंगी, निगेटिव एनर्जी बने रहती है. ऐसे घर के लोगों की तरक्की पर नकारात्मक असर पड़ता है, जिससे सभी सदस्य परेशान रहते हैं. ऐसे में जरूरी है कि घर में क्या वह काम किए जाएं तो वास्तु के अनुसार सही हो और तरक्की के नये राह खोले. आज कुछ ऐसे ही अचूक उपायों के बारे में बात करेंगे. 


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तुलसी


घर में तुलसी का पेड़ अवश्य होना चाहिए, जिन घरों में तुलसी का पेड़ है, वहां पर खुशहाली रहती है. नियमित रूप से घर की लक्ष्मी को शाम के समय तुलसी के पास घी का दीपक अवश्य जलाना चाहिए. इससे घर में सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. 


आरती


घर की लक्ष्मी अर्थात घर की महिला को प्रतिदिन घी का दीपक पूजा स्थल में जलाना चाहिए. शाम को संध्या अवश्य करनी चाहिए. संध्या में कपूर जलाकर आरती करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ने लगती है. नकारात्मक ऊर्जा जिसके कारण ग्रह कलेश चल रही थी, वह समाप्त होने लगती है. 


उम्मीद से आता है क्रोध


एक स्वभावगत बात समझनी चाहिए कि अत्यधिक आशा यानी कामना करने से क्रोध का जन्म होता है. यह बात श्रीकृष्ण ने गीता में भी कही है कि यदि बहुत अधिक कामनाएं कर ली जाए तो उसके पूरा न होने से क्रोध का जन्म होता है. जीवन में यह संभव नहीं है कि हर कामना पूरी हो. कोई न कोई आशा जब निराशा में बदलती है तो क्रोध, झुंझलाहट उत्पन्न होता है. कम से कम आशा रखने वाले व्यक्ति कम क्रोधाग्नि में जलते हैं. 


झाड़ू


घर के मुख्य द्वार के सामने झाड़ू नहीं रखनी चाहिए, जिन घरों में ऐसा होता है उनके यहां घर का मुखिया बेवजह छोटी-छोटी बातों में चिल्लाता है. घर के सदस्यों पर क्रोध करता है. घर में सुख शांति नहीं है तो अपने घर की झाड़ू को ऐसे स्थान में रखें जहां से वह दिखाई न दे. झाड़ू का संबंध राहु से है और राहु के कारण अनावश्यक रूप से घर में राई का पहाड़ बनते रहेगा.


जूठे बर्तन


खाना खाने के बाद जूठे बर्तन कमरे या डाइनिंग टेबल पर कतई न छोड़े. भोजन करने के बाद झूठे बर्तन धुलने के स्थान पर ही रखना चाहिए. अक्सर घरों में भोजन करने के बाद जूठे बर्तन वहीं पर छोड़ दिए जाते हैं या डाइनिंग टेबल में छोड़ दिए जाते हैं कि सुबह इनको साफ करेंगे. ऐसा जिन घरों में होता है उस घर में राहु, केतु और शनि ग्रह नाराज होते चले जाते हैं. सोते समय बेड के आसपास जूठे बर्तन रखे हैं तो उससे पितृ दोष भी बनने लगता है. पूर्वज नाराज हो जाते हैं और घर का सुख चैन समाप्त हो जाता है.


जूते


जिन घरों में बाहर से आने के बाद व्यक्ति बिना जूते उतारे घर में प्रवेश करते हैं, उनके घर में सुख-शांति में कमी आ जाती है. बाहर से आने पर जूते-चप्पल आदि का एक निश्चित स्थान होना चाहिए. कभी भी भूल कर भी जूते पहन कर बेडरूम तक नहीं जाना चाहिए. जूतों में शनि का प्रतिनिधित्व होता है. बाहर की नकारात्मक ऊर्जा सबसे अधिक फुटवियर में होती है, जिसके घर में प्रवेश करते ही घर की सकारात्मक ऊर्जा में कमी आ जाती है, इसलिए इसको बाहर उतारने में ही भलाई है. जिन घरों में जूते घर के बाहर ही उतार दिए जाते हैं, उन घरों में प्रसन्नता प्रफुल्लता एवं आनंद का संचार सदैव बने रहता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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