Paytm Fastag Blacklist: भारत में फास्टैग के इस्तेमाल से सरकार का टोल कलेक्शन बढ़ा है, जबकि जनता के लिए टोल प्लाजा पर प्रतीक्षा समय कम हो गया है. लेकिन टेक्नोलॉजी का फायदों के साथ नुकसान भी होता है. हाल ही में एक शख्स को हरियाणा हाईवे पर सफर करना भारी पड़ गया. शख्स से 9 करोड़ रुपये का टोल टैक्स मांगा गया है. Paytm FASTag यूजर ने हाल ही में बताया कि उन्हें NHAI (National Highway Authority of India) 9 करोड़ रुपये चार्ज किए हैं. इस घटना को TeamBHP फोरम पर एक व्यक्ति ने साझा किया है. 


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शख्स का कहना है कि उन्होंने हरियाणा के हिसार के पास स्थित Mayar टोल प्लाजा का इस्तेमाल किया था. शख्स के मुताबिक, उन्हें Paytm द्वारा पता लगा कि उनका फास्टैग कम बैलेंस की वजह से ब्लैकलिस्ट हो गया है. बैन के बारे में पूछते हुए, उन्हें पता चला कि उन्हें 9 करोड़ रुपये चार्ज किए गए थे जबकि औसत टोल चार्ज 90 रुपये होता है.


व्यक्ति ने लिखा, "आज मुझे Paytm से एक टेक्स्ट मैसेज मिला कि कम बैलेंस के चलते मेरी कार के FASTag को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है. Paytm एप्लिकेशन में चेक करने पर मुझे पता चला कि उन्होंने मेरे खाते से नौ करोड़ चार्ज किए हैं. स्क्रीनशॉट देखें." उसने आगे लिखा, "फास्टैग का उपयोग जारी रखने के लिए Paytm वॉलेट में ₹ 9,00,00,000/- जोड़ने के लिए एक पॉपअप आया. उसी टोल प्लाजा पर सामान्य टोल ₹90 होता है. हेल्पलाइन नंबर से संपर्क किया, लेकिन उससे कोई मदद नहीं मिली. अब कैसे आगे बढ़ें? कृपया सलाह दें."



इस मामले पर TeamBhp के बाकी यूजर्स ने भी अपने इसी तरह के एक्सपीरियंस साझा किए हैं. उनमें से एक यूजर ने कहा कि उसे 1.5 करोड़ रुपये का चार्ज किया गया था. हालांकि, इस मामले को हल कर दिया गया था और इसे तकनीकी खराबी बताया गया था. यह ध्यान देने योग्य है कि यह पहली बार नहीं है जब एक उपयोगकर्ता को अत्यधिक राशि चार्ज किया गया है, इससे पहले भी इसी तरह की घटनाएं हुई हैं.