Advantage of second hand car: सेकेंड हैंड या पुरानी कारों का मार्केट नई कारों से कम नहीं है. यही वजह है कि मारुति सुजुकी और महिंद्रा जैसी कंपनियां भी प्री-ओन्ड बिजनेस में अपनी पकड़ जमाने में लगी हैं. हर कोई चाहता है कि उनके पास अपनी गाड़ी हो. कुछ लोग बजट कम होने के चलते पुरानी कार चुनते हैं, तो कुछ इसे फायदे का सौदा मानते हैं. कई मायनो में पुरानी कार (Used Car) खरीदना एक समझदारी भरा फैसला हो सकता है. यहां हम आपको बता रहे हैं पुरानी कार खरीदने के 5 फायदे, जिन्हें जानकर शायद आप कभी नई गाड़ी न खरीदें. 


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1. पैसा ही पैसा
पुरानी कार खरीदने का सबसे पहला फायदा कीमत से जुड़ा है. एक नई कार के मुकाबले थोड़ी सी चली हुई वही कार आपको लाखों रुपये कम में मिल जाएगी. इसके अलावा आपको वेटिंग पीरियड या बुकिंग की भी टेंशन नहीं रहती. पैसा दीजिए और तुरंत गाड़ी लीजिए. 


2. फीचर्स आपके मुताबिक
आप पुरानी कार को अपने हिसाब से मोडिफाई करा सकते हैं. जो फीचर्स की कमी आपको लग रही है, वह आफ्टर मार्केट डलवा सकते हैं. जबकि बिलकुल नई गाड़ी में कोई बदलाव करते हुए कई लोगों का शायद दिल गवाही न दे. 


3. रोड टैक्स की बचत
जब आप नई कार खरीदते हैं, तो एक्स-शोरूम कीमत के अलावा इंश्योरेंस और रोड टैक्स समेत कई अन्य खर्चे भी उठाने पड़ते हैं. जबकि सेकेंड हैंड गाड़ी में पहले से ही गाड़ी का registration, insurance जैसे ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स होते हैं 


4. रीसेल वेल्यू 
कहा जाता है कि कोई गाड़ी शोरूम से उतरते ही कई लाख सस्ती हो जाती है. यानी नई गाड़ी की रिसेल वेल्यू काफी तेजी से घटती है. हालांकि सेकेंड हैंड कार में वेल्यू गिरने की रफ्तार बहुत कम होती है. ऐसा भी हो सकता है कोई पुरानी गाड़ी आपने जितने में खरीदी हो, कुछ दिन चलाकर वह उतने में ही बिक जाए. 


5. कम खर्च में ज्यादा ऑप्शन
जब आप एक नई कार लेने जाते हैं, तो कम बजट होने पर आपके पास बेहद सीमित विकल्प होते हैं. मसलन, अगर आपका बजट 4 लाख रुपये है तो शायद आप ऑल्टो या ऐसी ही कोई गाड़ी खरीद सकें. जबकि सेकेंड हैंड मार्केट में आप 4 से 5 लाख रुपये की कीमत में हैचबैक, एसयूवी और एमपीवी जैसे मॉडल भी घर ला सकते हैं.


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