Engine Cooling System: बाइक हो या कार, उनके इंजन के साथ कूलिंग सिस्टम दिया जाता है. इसका काम इंजन को ठंडा रखना होता है. यह इंजन के तापमान को कंट्रोल में रखता है. अलग-अलग इंजनों के साथ अलग-अलग कूलिंग सिस्टम दिया जा सकता है. बाइक्स में तीन तरह के कूलिंग सिस्टम मिलते हैं- एयर कूल्ड, ऑयल कूल्ड और लिक्विड कूल्ड. इनमें से सभी के अपने फायदे और नुकसान हैं. हालांकि, खराब कोई नहीं होता है बल्कि बाइक और इंजन की जरूरत के हिसाब इन्हें दिया जाता है. चलिए, बतातें हैं कि Air Cooled, Oil Cooled और Liquid Cooled इंजन में क्या अंतर होता है.


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एयर कूल्ड इंजन


एयर कूल्ड इंजन में इंजन के सिलेंडरों को ठंडा करने के लिए हवा का उपयोग किया जाता है. इंजन के सिलेंडरों के ऊपर और आसपास पंखे (फिन) लगे होते हैं. इनसे इंजन का एरिया बढ़ जाता है, जिससे गर्मी आसानी से बाहर निकल पाती है और हवा सिलेंडरों के चारों ओर अच्छे से प्रवाहित हो पाती है. यह हवा सिलेंडरों से गर्मी को सोख लेती है.


ऑयल कूल्ड इंजन


ऑयल कूल्ड इंजन में इंजन के सिलेंडरों को ठंडा करने के लिए इंजन ऑयल का उपयोग किया जाता है. इस सिस्टम में इंजन ऑयल सिलेंडरों में पैदा हो रही गर्मी को सोखता है और फिर यह गर्म इंजन ऑयल रेडिएटर में पहुंचता है. रेडिएटर में ऑयल को हवा के प्रवाह से ठंडा किया जाता है, इसके बाद ऑयल को वापस इंजन में पंप किया जाता है. यह प्रोसेस चलता रहता है.


लिक्विड कूल्ड इंजन


लिक्विड कूल्ड इंजन में इंजन के सिलेंडरों को ठंडा करने के लिए स्पेशल कूल्ड का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे कूलेंट कहते हैं. इसमें एंटीफ्रीज प्रोपर्टीज होती हैं. यह सिलेंडरों की गर्मी को सोखता है और इंजन को ठंडा रखता है. यह इंजन कूलिंग का सबसे प्रभावी तरीका होता है, जो आमतौर पर बड़े इंजनों में दिया जाता है.