Chevrolet history in india: भारतीय कार बाजार विश्व में तीसरे स्थान पर है. यहां कई कंपनियां वर्षों से अपनी पकड़ बनाए हुए हैं. पिछले कुछ सालों में कई नई कंपनियां ने शुरुआत भी है, जबकि कई कंपनियां भारतीय बाजार में असफल भी रही हैं. कई ऐसी कंपनियां रही जिन्होंने कुछ सालों तक व्यापार किया, लेकिन फिर भारत से अलविदा कह दिया. आज हम ऐसी ही एक कंपनी के बारे में बात कर रहे हैं, जिसने पहले बाजार में अपनी विशेष कारों से धूम मचाई थी. लेकिन बाद में उनकी गाड़ियों की बिक्री में इतनी कमी हुई कि उन्हें अपना व्यापार बंद करना पड़ा.


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हम शेवरले (Chevrolet) के बारे में बात कर रहे हैं. यह एक अमेरिकी कार कंपनी है जो भारत में कार निर्माण करने वाली सबसे पुरानी विदेशी कंपनी मानी जाती है. 1911 में लुइस शेवरले (एक स्विस रेस कार ड्राइवर) और जनरल मोटर्स (GM) के संस्थापक विलियम सी. डुरंट ने इसे स्थापित किया. 1918 में, शेवरले GM का हिस्सा बन गई. अमेरिका में, शेवरले की कारें "शेवी" के नाम से प्रसिद्ध हैं.


भारत में ऐसा रहा सफर


जनरल मोटर्स (General Motors) ने 1996 में अपने ओपल (Opel) ब्रांड के माध्यम से अपना पहला कदम भारत में रखा. लेकिन ओपल कारें भारतीय ग्राहकों को आकर्षित करने में असफल रहीं और कंपनी को 2006 तक अपना व्यापार बंद करना पड़ा. इसके बाद जनरल मोटर्स ने शेवरले ब्रांड का प्रवेश किया.


शेवरले ने एक एसयूवी के साथ अपना सफर शुरू किया. यह शेवरले फॉरेस्टर (Chevrolet Forester) थी, जो भारत में कंपनी की पहली एसयूवी थी. हालांकि, इसकी कीमत सबसे बड़ी चुनौती थी, क्योंकि इसे लॉन्च किए जाने के समय 16 लाख रुपये की कीमत थी.


शेवरले को भारत में पहली सफलता टवेरा (Tavera) के साथ मिली, जिसे 8.54 लाख रुपये की कीमत पर लॉन्च किया गया था. 2008 में शेवरले ने कैप्टिवा (Chevrolet Captiva) को लॉन्च किया, जो भारत में पहली फुली-मॉडर्न कार थी.


इन दो गाड़ियों से मचाया धमाल
2009 में, शेवरले ने क्रूज (Chevrolet Cruze) को भारत में लॉन्च किया, जो बहुत सारे प्रीमियम फीचर्स और आकर्षक इंटीरियर के साथ आती थी. इसे भारत में शानदार सफलता मिली. हालांकि, वक्त के साथ क्रूज़ की बिक्री में गिरावट देखी गई, क्योंकि इसकी सर्विस लागत अधिक थी और डीजल इंजन का परफॉर्मेंस बहुत प्रभावी नहीं था.


2010 में कंपनी ने Chevrolet Beat को लॉन्च किया, जो हैचबैक सेगमेंट में आती थी. यह अपने यूनीक डिजाइन के लिए पसंद की गई. इसकी माइलेज भी चौंकाने वाली थी, 25.44 किलोमीटर प्रति लीटर. भारत में शेवरले ने लगभग 1,78,000 यूनिट्स की बीट की बिक्री की. हालांकि, जल्द ही मारुति जैसे निर्माताओं ने छोटे इंजन के साथ उत्पादन शुरू किया, जिससे बीट की बिक्री में कमी आई. 2016 तक, शेवरले की बिक्री में मार्केट में गिरावट आई. 2017 में कंपनी को Chevrolet Beat बंद करने के साथ ही अपने डीलरशिप को समेटना शुरू कर दिया.