Electric Cars खरीदने में फायदा या नुकसान? जान लीजिए सच्चाई, क्या 5 साल में भी नहीं होगी भरपाई?
Electric vs Petrol Car: इलेक्ट्रिक कारों की रनिंग और सर्विसिंग कॉस्ट एक पेट्रोल कार के मुकाबले कम ही होती है. लेकिन इन कारों की कीमत पेट्रोल वर्जन से ज्यादा होती है. ऐसे में क्या आप 5 साल में भी इस कीमत की भरपाई कर पाएंगे या नहीं, यह एक बड़ा सवाल है.
Electric vs Petrol Car Cost: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अब ज्यादा अंतर नहीं रह गया है. दोनों ही 100 रुपये के आसपास बिक रहे हैं. ऐसे में बहुत से लोग महंगे तेल की झंझट से छुटकारा पाने के लिए इलेक्ट्रिक कार (Electric Car) खरीदने की प्लानिंग कर लेते हैं. ग्राहकों को यही लगता है कि इलेक्ट्रिक कार से उन्हें लाखों रुपयों की बचत होगी. इलेक्ट्रिक कारों की रनिंग और सर्विसिंग कॉस्ट एक पेट्रोल कार के मुकाबले कम ही होती है. लेकिन इन कारों की कीमत पेट्रोल वर्जन से ज्यादा होती है. ऐसे में क्या आप 5 साल में भी इस कीमत की भरपाई कर पाएंगे या नहीं, यह एक बड़ा सवाल है. हाल ही में एक यूट्यूब वीडियो में इस गणित को समझाने की कोशिश की गई है.
कीमत में इतना अंतर
एसेट योगी (Asset Yogi) नाम के यूट्यूब चैनल पर इस वीडियो में एक्सेल शीट पर पूरी कैलकुलेशन की गई. यहां उदाहरण के लिए टाटा नेक्सॉन ईवी के पेट्रोल और इलेक्ट्रिक वर्जन की तुलना की गई है. Tata Nexon XMA AMT पेट्रोल मॉडल की कीमत ऑन रोड 11.23 लाख रुपये पड़ने वाली है. इसमें करीब 70 हजार रुपये का रोड टैक्स भी शामिल है.
इसी तरह Tata Nexon EV Prime (XZ Plus) की कीमत ऑन रोड, दिल्ली करीब 17.21 लाख रुपये रहने वाली है. खास बात है कि इलेक्ट्रिक कारों पर आपको रोड टैक्स में छूट मिलने वाली है. इस तरह दोनों कारों की कीमत में करीब 6 लाख रुपये का अंतर आ जाता है.
क्या होगी रनिंग कॉस्ट
यहां हम 5 सालों की रनिंग कॉस्ट निकालते हैं. मान लेते हैं कि आप हर दिन 40 किमी. की दूरी तय करने वाले हैं. ऐसे में एक साल में आप 14,600 किमी. का सफर करेंगे. पेट्रोल कार का प्रति किमी. खर्च 7 रुपये और ईवी कार का 0.70 रुपये माना गया है.
इसके अलावा फ्यूल कॉस्ट, इंश्योरेंस और सर्विस आदि मिलाकर पेट्रोल कार का खर्चा 5 साल में करीब 6 लाख रुपये का रहेगा. वहीं इलेक्ट्रिक कार के लिए यह खर्च 5 साल में 1.6 लाख रुपये रहेगा. ऐसे में पेट्रोल कार का कुल ऑनरशिप खर्च (कीमत और रनिंग कॉस्ट) 17.21 लाख रुपये होगा, जबकि इलेक्ट्रिक कार अभी भी 18.82 लाख रुपये पर रहेगी. यानी 5 साल चलाने के बाद भी इलेक्ट्रिक कार महंगी पड़ रही है. वहीं अगर आप 6 साल की रनिंग कॉस्ट प्रतिदिन 50KM के हिसाब से निकालते हैं, तब जाकर इनकी कीमत बराबर होने वाली है.
इस गणित को भी समझना चाहिए
दोनों तरह की कार खरीदने में जो ₹600000 का अंतर आ रहा है उन्हें इन्वेस्टमेंट के तौर पर देखा जा सकता है. यानी इलेक्ट्रिक की जगह पेट्रोल कार खरीदने वाला उन्हें 5 साल के लिए FD में भी इनवेस्ट करते हैं तो 6.5 फीसदी ब्याद दर के हिसाब से यह अमाउंट 8 लाख रुपये हो जाएगा. कुल मिलाकर आपको इलेक्ट्रिक कार से पैसा वसूल करने में कई साल लगने वाले हैं.
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