EV Charging Stations In India: भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने का हर संभव प्रयास कर रही है. ईवी निर्माताओं और ग्राहकों, दोनों के लिए योजनाएं बनाई गई हैं ताकी ईवी को बढ़ावा मिले. हालांकि, भारत में ईवी के लिए सबसे बड़ी रुकावट चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की है. लेकिन, इस दिशा में भी तेजी से काम हो रहा है. बीते मार्च महीने में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में बताया था कि भारत में कुल 10,60,707 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत है जबकि देश में 1,742 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) चालू है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उन्होंने कहा था, ‘‘19 मार्च को वाहन 4 के आंकड़ों के अनुसार, देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 10,60,707 है, और ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) के अनुसार 21 मार्च, 2022 तक देश में कुल 1,742 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) चालू हैं.’’ हालांकि, तब से अब तक लगातार इस क्षेत्र में काम हो रहा है, तो यह नंबर अब बढ़ चुके होंगे.


ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में तमाम सरकारी और प्राइवेट कंपनियां काम कर रही है. इनमें टाटा पावर, बेंगलुरू इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी लिमिटेड (बीईएसकॉम), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), एनर्जी एफिशियंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) और बिजली तथा थर्मल प्रबंधन समाधान कंपनी डेल्टा समेत कई हितधारकों और ओईएम शामिल है. 


हाल ही में डेल्टा ने जानकारी दी कि उसने 6,000 ईवी चार्जर लगाने की उपलब्धि हासिल की. बता दें कि एक सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन पर कई ईवी चार्जर हो सकते हैं, इसीलिए यह आंकड़ा देश में मौजूदा सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन की संख्या से ज्यादा है. टाटा पावर लिमिटेड कंपनी के साथ साझेदारी में ही डेल्टा ने 1000 से ज्यादा चार्जरों की आपूर्ति की है. 


गौरतलब है कि भारत में अभी सबसे ज्यादा समस्या चार्जिंग स्टेशन्स की ही है. इलेक्ट्रिक वाहन के बारे में बात करते समय लोगों के मन में चार्जिंग की चिंता साफ झलकती है. ऐसे में बढ़ते चार्चिंग इंफ्रास्ट्रक्चर से ज्यादा लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को अपना पाएंगे. हालांकि, चार्चिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की मौजूदा स्थिति कैसी है, यह हमने आपको बता दिया है, अब यह निर्णय आपको लेना है कि अभी ईवी खरीदनी है या नहीं.


ये खबर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर