Car AC Facts: गर्मी के समय में कार में बिना एसी ऑन किए सफर करना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि कार में ज्यादा गर्मी लगती है. लेकिन, एसी ऑन करने पर इंजन में फ्यूल की खपत ज्यादा होती है और इससे माइलेज पर असर पड़ता है. दरअसल, एसी के कंप्रेसर को इंजन से बेल्ट के चलिए जोड़ा जाता है. यानी, कार का एसी तभी चलेगा जब इंजन चल रहा होगा. जब आप एसी ऑन करते हैं तो इंजन से जुड़ी बेल्ट एसी कंप्रेसर को घुमाती है और एसी अपना काम करना शुरू कर देती है. लेकिन, इससे इंजन पर सामान्य से ज्यादा लोड पड़ता है, जिस कारण फ्यूल की खपत बढ़ जाती है. 


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माना जाता है कि एसी ऑन करके कार चलाने पर माइलेज 5-6 प्रतिशत तक कम हो जाता है. हालांकि, अगर कार हाईवे पर चल रही हो और एसी ऑन हो बहुत ज्यादा फर्क नहीं आता है. वहीं, अगर कार शहर में या भीड़-भाड़ वाले इलाके में चल रही है और एसी ऑन है तो 5-7 प्रतिशत तक माइलेज कम हो सकता है लेकिन यह इतना कम नहीं होता है कि आपको एसी बंद करके कार चलाने की जरूरत पड़े. मान लीजिए, अगर आपकी कार बिना एसी के 15kmpl का माइलेज देती है तो एसी ऑन करने के बाद 14kmpl या 13kmpl का माइलेज हो जाएगा, इससे ज्यादा कम नहीं होता है.


इसके अलावा, एक स्थिति यह भी होता है कि आप कई बार किन्हीं कारणों से खड़ी हुई कार में एसी चलाते हैं. अब अगर कार खड़ी हो तो एसी ऑन करने पर इंजन कितना फ्यूल बर्न करेगा, यह सोचने वाली बात है. अलग-अलग रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर 1000 सीसी के इंजन को स्टार्ट करके छोड़ दिया जाएगा यानी कार खड़ी रहे तो एक घंटे में करीब 0.6 लीटर पेट्रोल खर्च होगा जबकि अगर एसी ऑन कर दिया जाएगा तो फ्यूल का खर्च लगभग दोगुना हो जाता है. ऐसे में 1.2 लीटर तक पेट्रोल खर्च हो सकता है. 


वैसे यह पूरी तरह के कार के इंजन पर निर्भर करता है कि एसी ऑन करने पर कितना फ्यूल खर्च होगा. सामान्य हैचबैक कारों की बात करें तो यह समान स्थिति में (खड़ी कार में एसी ऑन करने पर) खर्च 1 लीटर से 1.2 लीटर तक हो सकता है. मगर ध्यान रखें कि इंजन की स्थिति और एसी की स्थिति भी यहां अहम भूमिका निभाती है.


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