Delhi RFID Tag Rule: दिल्ली और एनसीआर के कैब चालकों के लिए खुशखबरी है. कमर्शियल वाहनों में लगे RFID टैग अब मेट्रो कार्ड की तरह काम करेंगे. अगर आपके रेडियो फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन डिवाइस यानी RFID टैग में बैलेंस पूरा नहीं है, उसके बाद भी आपको एमसीडी टोल एंट्री पॉइंट पर रुकने की जरूरत नहीं होगी. आप बिना रुके भी तोल पॉइंट से एंट्री कर सकते हैं. हालांकि इसके बदले में अगली बार जब आप इस टैग तो रिचार्ज कर आएंगे तो पुराना बैलेंस काट लिया जाएगा. इसके लिए एमसीडी की तरफ से आरएफआईडी टैग में तकनीकी बदलाव किए जाएंगे. 


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मेट्रो कार्ड और फास्ट टैग जैसी सुविधा
एमसीडी टोल टैक्स विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि दिल्ली में 13 बड़े टोल एंट्री पॉइंट्स और 111 छोटे टोल एंट्री पॉइंट्स हैं। अधिकतर कमर्शल गाड़ियां बड़े टोल एंट्री पॉइंट्स से दिल्ली में एंट्री करती हैं। कैब और टैक्सी चालक आमतौर पर रोजाना टोल पॉइंट से एंट्री करते हैं। उनके पास आरएफआईडी टैग होते हैं, लेकिन वे उन्हें रिचार्ज नहीं करते हैं। इसलिए, वे टैग टोल एंट्री पॉइंट पर मैन्युअल रिचार्ज करवाने के लिए रुकने के लिए मजबूर होते हैं, जो करीब 5-10 सेकंड लेता है।


इसकी वजह से कई बार कॉल एंट्री पॉइंट पर जाम की स्थिति बन जाती है. लंबे समय से कैब चालक  इस समस्या को खेलते आ रहे हैं ऐसे में एमसीडी ने आरएफआईडी टैग में इस तरह के बदलाव करने की योजना बनाई है.  आपको बता दें कुछ ऐसी ही सुविधा फास्टैग में भी मिलती है. अगर आपके फास्टैग में बैलेंस कम होता है तब भी आप टोल पार कर जाते हैं हालांकि अगली बार रिचार्ज करने पर पुराना बैलेंस काट लिया जाता है. 


कोंडली टोल से होगी शुरुआत
एमसीडी अधिकारियों की मानें तो दिल्ली के 13 बड़े टोल एंट्री पॉइंट्स में एनएच-8 पर बना रजोकरी, एनएच-10 पर बना टिकरी, एनएच-1 पर बना कोंडली, एनएच-2 पर बना बदरपुर, एमजी रोड पर बना नगर टोल प्लाजा शामिल हैं. इनमें सबसे पहले इस सुविधा की शुरुआत कोंडली टोल प्लाजा से होगी. धीरे-धीरे बाकी एंट्री पॉइंट्स पर इसे शुरू किया जाएगा.