कितने किलोमीटर पर बदलवाना चाहिए कार का इंजन ऑयल, ऊपर नीचे हुई टाइमिंग तो इंजन की बज जाएगी बैंड
Car Engine Oil: कार में सही समय से अगर इंजन ऑयल ना बदलवाया जाए तो इसकी वजह से इंजन की बैंड बज सकती है जिसमें हजारों का खर्च आएगा.
Car Engine Oil: कार के इंजन ऑयल को बदलने की सही टाइमिंग और किलोमीटर इंजन के प्रकार, तेल के प्रकार, और ड्राइविंग कंडीशन्स पर निर्भर करता है. हालांकि, सामान्यत: इंजन ऑयल को हर 7,000 से 10,000 किलोमीटर के बीच बदलने की सलाह दी जाती है. कुछ कार मैन्युफैक्चरर और सर्विस मैनुअल्स में यह अंतराल 5,000 किलोमीटर तक भी हो सकता है, खासकर अगर आप नियमित रूप से कठिन परिस्थितियों (जैसे कि ऑफ-रोडिंग या भारी ट्रैफिक) में गाड़ी चलाते हैं.
इंजन ऑयल कब और क्यों बदलना चाहिए?
इंजन को लुब्रिकेशन देना: इंजन ऑयल आपके इंजन के सभी मूविंग पार्ट्स को लुब्रिकेट करता है, ताकि वे बिना घिसे-टूटे सही से काम कर सकें. समय के साथ ऑयल गंदा हो जाता है और उसकी लुब्रिकेशन क्षमता कम हो जाती है.
ओवरहीटिंग से बचाव: इंजन ऑयल इंजन को ठंडा रखने में मदद करता है. जब ऑयल गंदा या पुराना हो जाता है, तो यह अपनी गर्मी को कम करने की क्षमता खो देता है, जिससे इंजन ओवरहीट हो सकता है.
घिसाई और टूट-फूट कम करना: नियमित ऑयल बदलने से इंजन की लाइफ बढ़ती है, क्योंकि यह इंजन के अंदर की घिसाई और टूट-फूट को कम करता है।
समय पर इंजन ऑयल न बदलने के नुकसान:
इंजन का घिसना: अगर आप ऑयल समय पर नहीं बदलते हैं, तो इंजन के मूविंग पार्ट्स के बीच ज्यादा घिसाई होने लगती है, जिससे इंजन जल्दी खराब हो सकता है.
ओवरहीटिंग: पुराना ऑयल इंजन को पर्याप्त ठंडक नहीं दे पाता, जिससे इंजन ओवरहीट हो सकता है, और इससे इंजन की कार्यक्षमता पर बुरा असर पड़ता है.
कार की परफॉर्मेंस में गिरावट: इंजन की पावर और माइलेज कम हो जाती है. अगर ऑयल बहुत ज्यादा गंदा हो गया तो इंजन के अंदर कार्बन जमा हो सकता है, जिससे इंजन सही से काम नहीं करेगा.
इंजन का जाम होना: यदि बहुत लंबे समय तक ऑयल नहीं बदला गया तो इंजन पूरी तरह जाम हो सकता है, जिससे इंजन रिपेयर या रिप्लेस करने की नौबत आ सकती है, जो बेहद महंगा हो सकता है.
एक्सटेंडेड ऑयल इंटरवल:
कुछ आधुनिक कारों में सिंथेटिक ऑयल का उपयोग होता है, जो कि सामान्य इंजन ऑयल की तुलना में लंबे समय तक चल सकता है. ऐसी स्थिति में इंजन ऑयल को 10,000 से 15,000 किलोमीटर या उससे अधिक तक भी चलाया जा सकता है, पर इसके लिए कार के मैनुअल की सलाह का पालन करना चाहिए.
ड्राइविंग कंडीशन्स भी मायने रखती हैं:
सिटी ड्राइविंग (भारी ट्रैफिक में बार-बार रुकने और चलने वाले ट्रैफिक में) होने पर इंजन पर अधिक दबाव पड़ता है, इसलिए ऑयल को जल्दी बदलने की जरूरत हो सकती है.
हाईवे ड्राइविंग में इंजन का लगातार स्मूथ ऑपरेशन होता है, इसलिए ऑयल ज्यादा समय तक चल सकता है.
इसलिए, अपनी कार के मैनुअल में दिए गए निर्देशों के अनुसार समय पर इंजन ऑयल बदलना बहुत जरूरी है.