Which Car Should Buy- Petrol Or Diesel: पेट्रोल और डीजल, दोनों कारों की अपनी-अपनी खूबियां और कमियां हैं. इसलिए, यह तय करना कि आपके लिए कौन सी कार बेहतर है, थोड़ा मुश्किल हो सकता है. लेकिन, पेट्रोल और डीजल कारों से जुड़ी कुछ ऐसी बातें हैं, जो आपको पता होनी चाहिए. इस लेख में हम आपको मोटे-मोटे तौर पर 5 बातें बताने वाले हैं, जो आपके कार चुनने (पेट्रोल लें या डीजल) के फैसले में मदद कर सकती है. 


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1. कीमत और रखरखाव


आमतौर पर पेट्रोल इंजन कम महंगे होते हैं. इनका रखरखाव भी आसान होता है. जबकि पेट्रोल इंजन के मुकाबले डीजल इंजन ज्यादा महंगे होते हैं. इसके रखरखाव पर भी थोड़ा ज्यादा ध्यान देना पड़ता है. इसीलिए, डीजल इंजन की कारें पेट्रोल इंजन वाली कारों की तुलना में महंगी होती है.


2. रजिस्ट्रेशन वैलिडिटी


हम पहले ही देख चुके हैं कि कई जगहों पर डीजल कारों के रजिस्ट्रेशन की अवधि को 10 साल कर दिया है जबकि पेट्रोल कारें 15 साल तक मान्य रहती हैं. जैसे कि दिल्ली-एनसीआर में है. यानी, आप पहले महंगी डीजल कार खरीदेंगे और फिर उसे पेट्रोल कारों के मुकाबले 5 साल कम अवधि के लिए ही रख पाएंगे.


3. डीजल कारों का भविष्य?


डीजल कारों के भविष्य को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं हैं. कई कार निर्माता कंपनियां डीजल कारें बनानी बंद कर चुकी हैं. देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी कोई डीजल कार नहीं बेचती है. सरकार भी डीजल वाहनों को लेकर नई नीति की ओर रुख कर सकती है.


4. टॉर्क और पावर


डीजल इंजन कम स्पीड पर ज्यादा टॉर्क देते हैं और ज्यादा भार खींच पाते हैं. यानी, इनमें ज्यादा पुलिंग पावर होती है. शुरुआत में यह ज्यादा तगड़ा एक्सेलेरेशन देते हैं. हालांकि, पेट्रोल इंजन तेज स्पीड पर ज्यादा पावर दे पाते हैं और शुरुआत में थोड़ा कम रेस्पॉन्सिव (डीजल की तुलना में) होते हैं.


5. माइलज


पेट्रोल इंजन की तुलना में डीजल इंजन ज्यादा माइलेज देते हैं. यानी, कम फ्यूल में ज्यादा चलते हैं. तो अगर आपकी रनिंग ज्यादा है, उस स्थिति में आपके लिए डीजल इंजन वाली कार फायदेमंद हो सकती है. लेकिन, कम रनिंग वालों के लिए पेट्रोल इंजन वाली कारें बेहतर हो सकती है.