Cars Equipped With Airbags: आजकल कारों में सेफ्टी का बहुत ध्यान रखा जा रहा है और इसके लिए कई सेफ्टी फीचर्स दिए जाते हैं. इन्हीं में से एयरबैग भी एक जरूरी सेफ्टी फीचर है. भारत में सभी कारों में कम से कम दो एयरबैग देने अनिवार्य हैं. हालांकि, अगर कोई कार निर्माता कंपनी दो से ज्यादा एयरबैग देना चाहे तो वह उसके लिए स्वतंत्र है लेकिन वह दो से कम एयरबैग नहीं दे सकती है. हालांकि, जिन गाड़ियों में एयरबैग होते हैं, उनमें कई बातों का ध्यान भी रखना होता है. चलिए, आपको चार चीजें बताते हैं, जिन्हें आपको एयरबैग वाली कारों में करने से बचना चाहिए.


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बुल बार ना लगवाएं
अगर आप अपनी नई कार में बुल बार लगाने की योजना बना रहे हैं, तो रुक जाइये. ऐसा इसलिए है क्योंकि बुल बार लगाना न केवल अब अवैध है बल्कि यह हादसे की स्थिति में एयरबैग के ना खुलने का कारण भी बन सकती है क्योंकि इससे एयरबैग सेंसर को हादसे की जानकारी नहीं मिल पाती, जिस कारण एयरबैग नहीं खुलते हैं.


डैशबोर्ड पर पैर ना रखें
फ्रंट-सीट पर बैठ कई लोग लंबी यात्रा के दौरान अपने पैर डैशबोर्ड पर रखते हैं. खासकर एयरबैग से लैस कारों में यह आदत बेहद खतरनाक हो सकती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि एयरबैग को फुलाए जाने के लिए जिस विस्फोट की जरूरत होती है, वह हड्डियों को आसानी से चकनाचूर कर सकता है.


डैशबोर्ड पर चीजें ना रखें
एयरबैग से लैस कारों में डैशबोर्ड पर किन्हीं भी चीजों को रखने से बचना चाहिए क्योंकि अगर एयरबैग खुलने की स्थिति बनती है तो उसके लिए विस्फोट होगा और तभी एयरबैग फुलेगा. ऐसा होने पर डैशबोर्ड पर रखी चीजें हाई-स्पीड प्रोजेक्टाइल में बदल सकती हैं और आपको ज्यादा घातक चोटें पहुंचा सकती हैं.


बच्चे के साथ एयरबैग ऑन ना रखें!
अगर आप अपने बच्चे को आगे की सीट पर बैठा रहे हैं तो हमेशा पैसेंजर-साइड एयरबैग को बंद करने की सलाह दी जाती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि जिस फोर्स से एयरबैग खुलता है, उसे बच्चा शायद ना संभाल पाए, वह बच्चे की क्षमता से ज्यादा होता है. कुछ मामलों में यह घातक भी हो सकता है.


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