UP EV Policy 2022: पूरी दुनिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर फोकस कर रही है. भारत भी इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर भविष्य के लिए रणनीति बना रहा है. कई राज्यों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पॉलिसी बन चुकी हैं और अभी कई राज्य पॉलिसी बनाने पर काम कर रहे हैं. अब उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी घोषित कर दी है. राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दी. इस पॉलिसी को सरकार ने 3D बनाया है यानी इससे 3 अलग-अलग लक्ष्यों को हासिल करने के लिए तैयार किया गया है. इसके तहत सरकार नए इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर खरीदारों को छूट देगी, राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी और चार्जिंग स्टेशन या बैटरी स्वैपिंग सेंटर स्थापित करने वालों को सरकार की ओर से कई तरह की रियायतें दी जाएंगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदारों को आकर्षक सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है. इसमें उत्तर प्रदेश में खरीदे और पंजीकृत सभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर नीति की प्रभावी अवधि के पहले तीन सालों के दौरान रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क में शत-प्रतिशत छूट शामिल है. अगर किसी ग्राहक का इलेक्ट्रिक वाहन यूपी में ही बना है, तो उसे ये छूट चौथे और पांचवे साल में भी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर मिलेगी.


सरकार राज्य में खरीदे जाने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों को फैक्ट्री मूल्य पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी देगी. राज्य में पहले खरीदे जाने वाले 2 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन पर 5,000 रुपये प्रति वाहन की छूट मिलेगी. वहीं, शुरुआती 50,000 इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन पर सरकार 12,000 रुपये प्रति यूनिट छूट देगी. वहीं, इलेक्ट्रिक कार खरीदने वाले पहले 25,000 ग्राहकों को 1 लाख रुपये तक की छूट मिलेगी.


इसके अलावा सरकार ने राज्य में इलेक्ट्रिक व्हीकल के साथ-साथ ईवी बैटरी को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाई है. इसके हिसाब से राज्य में 1 गीगावॉट की न्यूनतम क्षमता वाला बैटरी मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाने पर सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाएगी. 1500 करोड़ रुपये या उससे अधिक निवेश करने वाली पहली दो अल्ट्रा मेगा बैटरी परियोजनाओं को 30 प्रतिशत (निवेश पर) की सब्सिडी मिलेगी.


ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर