DRLs In Cars: आजकल आप नोटिस करते होंगे कि लगभग सभी नई कारों में डीआरएस (DRL) मिलते हैं. डीआरएल यानी डेटाइम रनिंग लाइट्स (Daytime Running Lights). यह एलईडी (LED) के साथ आते हैं. ऐसे में बहुत से लोगों को यह लग सकता है कि आखिर सभी कारों में डीआरएल की क्या जरूरत है या फिर इन्हें क्यों दिया जाता है? कम ही लोगों को यह पता होगा कि डीआरएल एक सेफ्टी फीचर के तौर पर काम करते हैं. इनसे सड़क हादसों को कम किया जा सकता है. चलिए, बताते हैं कैसे.


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डीआरएल से सेफ्टी
डेटाइम रनिंग लाइट्स आपकी कार सेफ्टी में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं. ये लाइट्स दिन में चमकती हैं और अन्य लोग आपकी कार को आसानी से देख पाते हैं क्योंकि उनकी आखों तक अतिरिक्त लाइट पहुंच रही होती है, जिससे उनका ध्यान आपकी कार पर आ पाता है. इन लाइट्स से दूसरे चालकों को आपकी मौजूदगी के बारे में आसानी से पता लग पाता है.


उदाहरण से समझाते हैं. मान लीजिए आप अपनी कार से कहीं जा रहे हैं. कार के डीआरएल ऑन हैं. अब अगर सामने से आ रहे वाहन और अन्य व्यक्ति का ध्यान आपकी कार पर नहीं होगा, तब भी बहुत हद तक संभावना है कि डीआरएल होने के कारण वह अलर्ट हो जाए क्योंकि डीआरएल से निकलने वाली अतिरिक्त लाइट सामने वाले व्यक्ति की आखों से टकराएगी और उसका ध्यान आप पर आ जाएगा.


कुछ लोगों को यह चिंता हो सकती है कि DRL से कार की बैटरी पर असर पड़ता है. इससे बहुत मामूसी सा असर पड़ता है क्योंकि यह कम बिजली का इस्तेमाल करते हैं. इसलिए, आप बिना किसी परेशानी के इन्हें इस्तेमाल करते रह सकते हैं. आप ऐसा मान सकते हैं कि DRL के कारण आपकी बैटरी जल्दी खराब नहीं होगी. वह उतने समय तक ही चलेगी, जितनी चलने के लिए वह बनाई गई है.


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