When to Change Engine Oil: आप बाइक या कार, किसी भी वाहन का उपयोग कर रहे हों, इंजन की देखभाल सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है. वाहनों में इंजन सही ढंग से काम करता है, इसके लिए इंजन ऑइल (Engine Oil) डाला जाता है, जिसे लुब्रिकेंट भी कहते हैं. यह इंजन को चिकनाई देता है. इस इंजन ऑइल को समय-समय पर बदलने की जरूरत पड़ती है. इसे कब बदलना है, इसका अंदाजा आप ऑइल के कलर से लगा सकते हैं. आइए जानते हैं कि अगर इंजन ऑइल काला हो गया है तो आपको क्या करना चाहिए. 


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तुरंत करें यह काम
यदि बाइक या कार का इंजन ऑयल काला रंग का हो गया है या जरूरत से कम है, तो तुरंत नया इंजन ऑइल डालें. यदि काले इंजन ऑइल को बदला नहीं जाएगा तो इंजन सीज हो जाएगा. इंजन ऑयल बदलने का प्रोसेस इतना आसान है कि इसके लिए आपको मैकेनिक के पास जाने की जरूरत नहीं है.


कब-कब चेक करें 
जब हम किसी वाहन का बार-बार इस्तेमाल करते हैं तो उसके इंजन ऑइल में धूल जमा होने लगती है और वह काला पड़ जाता है. इसलिए अगर हम अपने वाहन की सर्विसिंग तारीख से पहले ही इंजन ऑइल चेंज करवाते हैं तो यह हमारे वाहन के लिए बेहतर होता है. अगर ऑइल काला नहीं हुआ है लेकिन कम हो गया है तो हम उसे टॉप-अप करवा सकते हैं.


इंजन ऑइल को हमेशा 5-6000 किलोमीटर के बाद बदलना चाहिए. इसके साथ हर 3000 किलोमीटर पर टॉप-अप करवाना भी जरूरी होता है. हालांकि, आपको सलाह दी जाती है कि हर 1500 किलोमीटर में एक बार इंजन ऑइल को चेक करना चाहिए.


इसके अलावा आप इंजन की आवाज से भी अंदाजा लगा सकते हैं कि इंजन ऑयल को बदलने की जरूरत है या नहीं. इंजन में लुब्रिकेशन कम होने की वजह से इंजन के कंपोनेंट्स आपस में रगड़कर अधिक आवाज करने लगते हैं. जिससे गाड़ी तेज आवाज करने लगती है.