Car Bumpers: पहला कार बंपर 1901 में बनाया गया था. इसमें टक्कर के दौरान सेफ्टी के लिए कार के आगे और पीछे मेटल बीम लगे थे, जो हेडलाइट्स, टेल लाइट्स, हुड, एग्जॉस्ट और कूलिंग सिस्टम जैसे महंगे और नाजुक कम्पोनेंट्स को सेफ्टी देते थे. लेकिन, मौजूदा समय में आपको मेटल बंपर देखने को नहीं मिलते हैं. अब मेटल बंपर आमतौर पर केवल पुरानी कारों और ट्रकों आदि जैसे वाणिज्यिक वाहनों में ही नजर आते हैं जबकि कारों में प्लास्टिक बंपर दिए जाते हैं. तो क्या आपने सोचा कि अब कारों में प्लास्टिक बंपर ही क्यों दिए जाते है? चलिए, इसके कुछ कारणों की जानकारी देते हैं.


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कम लागत


कार में इस्तेमाल किए जाने वाले मेटल की तुलना में बंपर की प्लास्टिक कम महंगी होती है. इससे कार की कुल लागत को कम करने में मदद मिलती है. प्लास्टिक के बम्पर बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली सामग्री और निर्माण प्रक्रिया मेटल बम्पर बनाने की तुलना में अधिक किफायती होती है.


लचीलापन


मेटल की तुलना में प्लास्टिक अधिक लचीली होती है. प्लास्टिक बंपर हल्की टक्कर से क्षतिग्रस्त होने से बच सकता है. प्लास्टिक के बम्पर टक्कर के दौरान कार की बॉडी को नुकसान से बचाने में मदद कर सकते हैं. यह फोर्स को ज्यादा अब्जॉर्ब करते हैं.


हल्का वजन


मेटल बंपर की तुलना में प्लास्टिक बंपर हल्का होता है. यह कार की फ्यूल एफिशिएंसी में सुधार करने में मदद करता है. प्लास्टिक के बम्पर कार के वजन को कम करते हैं, जिससे कार को चलाने के लिए कम फ्यूल की जरूरत होती है.


रिपेयर करना आसान


प्लास्टिक बंपर को मेटल बंपर की तुलना में रिपेयर करना आसान होता है. पहली बात तो प्लास्टिक बंपर में  जल्दी से डेंट नहीं पड़ता है और अगर यह कहीं से दब भी जाता है तो इसे ठीक कराना आसान होता है जबकि मेटल का डेंट हटाना मुश्किल होता है.


सेफ्टी 


प्लास्टिक के बम्पर कारों के लिए महत्वपूर्ण सुरक्षा फीचर हैं. वह टक्कर से होने वाली क्षति को कम करने में मदद कर सकते हैं. चालक और यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ाते हैं. इसके अलावा, पैदल चल रहे यात्रियों से टक्कर की स्थिति में उन्हें कम चोट देते हैं.