Pothole-Free National Highways: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि सरकार इस साल के अंत तक राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways) को गड्ढा-मुक्त करने की नीति पर काम कर रही है. इसके साथ ही सड़कों का निर्माण बीओटी माध्यम से करने को भी प्राथमिकता दी जा रही है. इस साल दिसंबर के अंत तक राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways) को गड्ढों से मुक्त करने के लक्ष्य के साथ सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय प्रदर्शन-आधारित रखरखाव और अल्पकालिक रखरखाव अनुबंधों को सशक्त बनाने में जुटा हुआ है.


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सड़कों का निर्माण 


आमतौर पर सड़कों का निर्माण तीन तरह से किया जाता है. इनमें ‘बनाओ-चलाओ-सौंप दो’ (बीओटी) के अलावा इंजीनियरिंग, खरीद एवं निर्माण (ईपीसी) और हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (एचएएम) शामिल हैं. गडकरी ने कहा, ‘‘ईपीसी माध्यम से बनाई जाने वाली सड़कों के रखरखाव की जरूरत काफी पहले पड़ने लगती है. वहीं, बीओटी माध्यम से सड़कें बेहतर बनती हैं क्योंकि ठेकेदार भी जानता है कि उसे अगले 15-20 सालों तक रखरखाव की लागत वहन करनी होगी. इसलिए, हमने बड़े पैमाने पर बीओटी माध्यम से ही सड़कें बनाने का फैसला किया है.’’


बीओटी परियोजनाओं में निजी साझेदार 20-30 सालों की अवधि में परियोजनाओं के वित्तपोषण, निर्माण और संचालन का जिम्मा उठाते हैं. फिर वह राजमार्ग का इस्तेमाल करने वालों से शुल्क या टोल के जरिये अपने निवेश की वसूली करते हैं. उन्होंने कहा कि बारिश की वजह से राजमार्गों को नुकसान होने और गड्ढे बनने की आशंका को देखते हुए मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्गों का सुरक्षा ऑडिट कर रहा है. 


गड्ढों से मुक्त होंगे राष्ट्रीय राजमार्ग!


गडकरी ने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करने के लिए एक नीति बनाई जा रही है कि राष्ट्रीय राजमार्ग गड्ढों से मुक्त हों. इस परियोजना को सफल बनाने के लिए युवा इंजीनियरों को साथ लिया जाएगा.’’