जानिए इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक से जुड़ी वो 10 बातें जो आपके लिए हैं खास
इस बैंक का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग और वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराना है
नई दिल्ली: इंतजार खत्म हुआ. आखिरकार इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथो 1 सितंबर से हो गई. सरकार की योजना है कि वह देशभर के 1.55 लाख डाकघरों को 31 दिसंबर 2018 तक पेमेंट बैंक के रूप में तब्दील कर देगी. इस बैंक का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग और वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराना है और इसमें बड़ी भूमिका देशभर के डाकघर निभाने वाले हैं. शुरू में 650 शाखाओं और 3250 एक्सेसस प्वॉइंट के साथ इसकी शुरुआत हुई है. आइए जानते हैं कि आखिर भारतीय पोस्टल पेमेंट बैंक या इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में क्या होगा खास और कैसे काम करेगा.
1. भारतीय पोस्टल पेमेंट बैंक सेविंग अकाउंट पर 4 प्रतिशत ब्याज मुहैया कराएगा और किसी भी सेवा के लिए शुल्क नहीं लिया जाएगा
2. पेमेंट बैंक प्रति अकाउंट के हिसाब से सालाना एक लाख रुपये तक जमा किया जा सकेगा लेकिन यह लोन उपबलब्ध नहीं कराएगा
3. यह भुगतान बैंक वित्तीय सेवाओं के लिए अपने सहयोगियों के रूप में करार करेगा. इसके तहत थर्ड पार्टी उत्पाद मुहैया कराएगा. उदाहरण के लिए यह पीएनबी के एजेंट के रूप में काम करेगा
4. इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक सेविंग और करेंट अकाउंट, मनी ट्रांसफर, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) बिल और यूटिलिटी पेमेंट और दुकानदारों को भुगतान जैसी वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराएगा
5. भारतीय पोस्टल पेमेंट बैंक को यह अनुमित मिली है वह 17 करोड़ पोस्टल सेविंग बैंक अकाउंट को लिंक कर सकता है
6. इस भुगतान बैंक को आम आदमी के पहुंच के दायरे में लाना और भरोसेमंद बैंक के रूप में स्थापित करना है उद्देश्य. इसमें डाक विभाग के 3,00,000 डाकिए और ग्रामीण डाक सेवक बड़ी भूमिका निभाएगा.
7. सरकार ने पिछले सप्ताह भारतीय पोस्टल पेमेंट बैंक के खर्च में 80 प्रतिशत राशि की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी. यह राशि 1435 करोड़ रुपये होगी. इससे भारतीय पोस्टल पेमेंट बैंक को वर्तमान के पेमेंट बैंक जैसे एयरटेल पेमेंट बैंक और पेटीएम बैंक से प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे.
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8. कैबिनेट ने डाक सेवकों को आईपीपीबी के उत्पादों बिक्री और सेवाओं के एवज में कमीशन देने की मंजूरी दी है. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद आईपीपीबी को सेवाएं देने वाले डाक सेवकों को सीधे 25 प्रतिशत कमीशन मुहैया होगा. जबकि 5 प्रतिशत डाक विभाग लेगा. यह कमीशन ऋण और बीमा उत्पादों की बिक्री समेत अन्य सेवाएं मुहैया कराने पर मिलेगा. डाकिए को भी यह कमीशन उत्पादों की बिक्री पर मिलेगा.
9. भारतीय पोस्टल पेमेंट बैंक पर 100 प्रतिशत हिस्सेदारी भारत सरकार की ही रहेगी. इसकी स्थापना डाक विभाग, संचार मंत्रालय के तहत किया गया है.
10. पायलट ब्रांच के आधार पर सहसे पहले भारतीय पोस्टल पेमेंट बैंक की शुरुआत सबसे पहले 30 जनवरी 2017 को हुई थी.