प्राइवेट कंपनियों को ट्रेन खरीदने की मिलेगी छूट, जोखिम की लेनी होगी जिम्मेदारी
भारतीय रेल नेटवर्क पर यात्री रेलगाड़ियों के संचालन के लिए प्राइवेट कंपनियों से आवेदन आमंत्रित करने के पहले आयोजित बैठक में 16 कंपनियों ने भाग लिया.
नई दिल्ली: भारतीय रेल नेटवर्क पर यात्री रेलगाड़ियों के संचालन के लिए प्राइवेट कंपनियों से आवेदन आमंत्रित करने के पहले आयोजित बैठक में 16 कंपनियों ने भाग लिया. सूत्रों के अनुसार इन कंपनियों में बॉम्बार्डियर, स्पेन की सीएएफ, हवाई अड्डा कंपनी जीएमआर, भारतीय रेल की कंपनी राइट्स और सार्वजनिक उपक्रम भेल भी शामिल हैं.
पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर प्राइवेट यात्री रेलगाड़ियां परिचालित की जाएंगी जिससे भारतीय रेल परिवहन क्षेत्र में नई तकनीक आने के साथ-साथ भारतीय रेल के राजस्व में वृद्धि होगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. ये 151 प्राइवेट रेलगाड़ियां उन रेलगाड़ियों के अतिरिक्त होंगी जो पहले से चल रही हैं.
रेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि परियोजना के तहत संचालित की जाने वाली गाड़ियों को निजी कंपनियों द्वारा लीज पर खरीदा या लिया जा सकता है. रेल मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि ट्रेनों के संचालन के संबंध में पक्षों को समान रूप से जोखिम की जिम्मेदारी भी दी जाएगी.
30,000 करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना
रेल मंत्रालय ने कहा है कि बैठक में लगभग 16 संभावित आवेदकों के भाग लेने से उत्साहनजक प्रतिक्रिया मिली. रेल मंत्रालय ने 109 मूल गंतव्य मार्गों पर जोड़ी यात्री रेल सेवाओं के संचालन के लिए 151 आधुनिक रेलगाड़ियां चलाने के लिए 12 निजी कंपनियों से योग्यता के आधार पर आवेदन आमंत्रित किए हैं.
यह भारतीय रेलवे नेटवर्क पर यात्री रेलगाड़ियों को चलाने के लिए निजी निवेश के लिए की गई पहल है. इस परियोजना के माध्यम से निजी क्षेत्र से लगभग 30,000 करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है. उम्मीद है कि यात्री रेल परिचालन में कई परिचालकों के आने से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा जिससे सेवाएं बेहतर हो सकेंगी. यह पहल यात्री परिवहन क्षेत्र में मांग और आपूर्ति के अंतर को कम करने में भी मदद करेगी.
प्रस्तावित परियोजना के लिए निजी कंपनियों का चयन दो चरणों वाली प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा जिसमें अनुरोध के लिए अर्हता (आरएफक्यू) और अनुरोध के लिए प्रस्ताव (आरएफपी) शामिल हैं. बैठक में संभावित आवेदकों द्वारा उठाए गए मुद्दों और चिंताओं पर चर्चा की गई और रेल मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारियों द्वारा आरएफक्यू और बोली प्रक्रिया के प्रावधानों के बारे में स्पष्ट रूप से समझाया गया.
बैठक में ढुलाई भाड़े पर भी सवाल किए गए जिस पर रेल मंत्रालय ने जवाब दिया कि ढुलाई भाड़े को अग्रिम रूप से निर्दिष्ट किया जाएगा और पूरी रियायत अवधि के लिए उपयुक्त रूप से अनुक्रमित किया जाएगा, जिससे ढुलाई शुल्क में निश्चितता आएगी. संभावित आवेदकों से प्राप्त प्रश्नों के बारे में रेल मंत्रालय 31 जुलाई, 2020 तक लिखित उत्तर देगा. दूसरा आवेदन पूर्व सम्मेलन 12 अगस्त 2020 को निर्धारित है.
(इनपुट: एजेंसी भाषा के साथ)