नई दिल्ली: सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें केंद्र सरकार जल्द लागू कर सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन उनकी बेसिक सैलरी यानी मूल वेतन का दोगुना हो सकता है।


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सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में उनके बेसिक वेतन का लगभग 30 फीसदी तक इजाफा हो सकता है।  हालांकि नवंबर 2015 में सातवें वेतन की आयोग की अनुशंसा के मुताबिक यह (30 फीसदी) 23.55 फीसदी से ज्यादा है। केंद्रीय कर्मचारी संगठन इस बात का विरोध कर रहे हैं कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत उनके (कर्मचारियों के) वेतन में सिर्फ 14.27 फीसदी का ही इजाफा हो रहा है जो कि पिछले 70 साल में सबसे कम है। केंद्रीय कर्मचारियों ने इस मसले को लेकर 11 अप्रैल से बेमियादी हड़ताल पर भी जाने की धमकी दी है।
 
गौर हो कि केंद्र सरकार से सातवें वेतन आयोग ने सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में कर्मचारियों के वेतन और भत्ते 23.55 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश की थी और सैनिकों की तर्ज पर असैन्य कर्मचारियों के लिए भी ‘वन रैंक - वन पेंशन’ की व्यवस्था लागू करने की सिफारिश की थी। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपी गई वेतन आयोग की रिपोर्ट में मौजूदा कमर्चारियों के मूल वेतन में 16%, भत्तों में 63% और पेंशन में 24% इजाफे की सिफारिश की गई थी। न्यायमूर्ति एके माथुर की अगुवाई वाले इस सातवें वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार और अधिकतम 2.25 लाख रुपये तय करने की सिफारिश की थी। इसके अलावा आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में सालाना तीन फीसदी वृद्धि की भी सिफारिश की है।


छठा वेतन आयोग 1 जनवरी, 2006 से लागू हुआ था और माना जा रहा है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू हो जाएंगी। यानी कर्मचारियों को एरियर एक जनवरी 2016 से मिलेगा। आमतौर पर राज्यों द्वारा भी कुछ संशोधनों के साथ इन्हें अपनाया जाता है। एक महत्वपूर्ण सिफारिश में आयोग ने ग्रैच्युटी निर्धारण में अधिकतम वेतन की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी है और जब कभी महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत तक बढ़ेगा, तो वेतन की अधिकतम सीमा में 25 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।
 
(एजेंसी इनपुट के साथ)