ITR फाइल करने से पहले जान लें बड़ा बदलाव, आयकर विभाग ने दिया है टैक्सपेयर्स को ये बड़ा फायदा
अमूमन 31 जुलाई आयकर रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख होती है. हालांकि कई बार टैक्सपेयर्स द्वारा मांग करने पर आयकर विभाग रिटर्न दाखिल करने की तारीख को एक महीना आगे बढ़ा देता है.
नई दिल्लीः अमूमन 31 जुलाई आयकर रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने की आखिरी तारीख होती है. हालांकि कई बार टैक्सपेयर्स (Tax payers) द्वारा मांग करने पर आयकर विभाग रिटर्न दाखिल करने की तारीख को एक महीना आगे बढ़ा देता है. कोरोना वायरस के चलते इस बार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने करदाताओं को 30 नवंबर तक रिटर्न भरने की छूट दी है. हालांकि रिटर्न फाइल करने से पहले इस बार के आयकर रिटर्न फॉर्म और 26एएस फॉर्म में कई तरह के बदलाव किए गए हैं. फॉर्म 26एएस में जो बदलाव किया गया है, उससे करदाताओं को बड़ा फायदा होने की उम्मीद है. फायदे से पहले हम आपको बताने जा रहे हैं कि फॉर्म 26एएस होता क्या है....
बड़े काम का है फॉर्म 26AS
CBDT के मुताबिक यह करदाता का सालाना टैक्स स्टेटमेंट है. करदाता अपने पैन नंबर की मदद से इसे इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट से निकाल सकते हैं. अगर किसी ने अपनी आमदनी पर टैक्स चुकाया है या किसी को हुई कमाई पर किसी व्यक्ति/संस्था ने टैक्स काटा है तो उसका जिक्र भी करदाता को फॉर्म 26AS में मिल जाता है.
ऐसे डाउनलोड करें फॉर्म 26AS
फॉर्म 26AS को ट्रेसेस की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं. फॉर्म 26AS को डाउनलोड करने के लिए इनकम टैक्स ईफाइलिंग की वेबसाइट पर लॉगिन करें. माय अकाउंट सेक्शन में व्यू फॉर्म 26AS (Tax Credit) टैब पर क्लिक करें. इसके बाद ट्रेसेज की वेबसाइट पर पहुंच जाएंगे. यहां एसेसमेंट इयर डालने के बाद स्टेटमेंट डाउनलोड कर सकते हैं. करदाता का जन्म दिन फॉर्म 26AS को खोलने के लिए पासवर्ड की तरह इस्तेमाल होता है.
ये हुआ है बड़ा बदलाव
इस साल से आयकर विभाग ने फॉर्म 26AS में बड़ा बदलाव कर दिया है. अब इस फॉर्म में करदाताओं को उनके द्वारा किए गए सभी प्रकार के बड़े वित्तीय लेनदेन की जानकारी दी जाएगी. यह फॉर्म स्वैच्छिंग अनुपालन तथा आयकर रिटर्न को इलेक्ट्रॉनिक रूप में जमा कराने में सुगमता लाएगा.
सीबीडीटी ने कहा कि विभाग को वित्त वर्ष 2015-16 से बचत खातों से नकद जमा-निकासी, अचल संपत्तियों की खरीद-फरोख्त, क्रेडिट कार्ड भुगतान, शेरों की खरीद, डिबेंचर, विदेशी मुद्रा, म्यूचुअल फंड, वस्तुओं और सेवाओं के लिए नकद भुगतान आदि की जानकारी बैंकों, फ्यूचुअल फंड कंपनियों, बांड जारी करने वाले संस्थानों और पंजीयकों से मिली रही है. विभाग ने कहा कि अब ये सभी सूचनाएं नए फॉर्म 26एएस में उपलब्ध होंगी. सीबीडीटी ने कहा कि विशेष वित्तीय लेनदेन के लेखे-जोखे (एसएफटी) से संबंधित ये सूचनाएं अब फॉर्म 26एएस के भाग ई में दिखाई देंगी. इससे स्वैच्छिक अनुपालन, कर जवाबदेही और ई-रिटर्न दाखिल करने में सुगमता सुनिश्चित हो सकेगी.
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