Reliance Capital: कभी ये कंपनी शेयर बाजार की शान हुआ करती थी. एक समय पर शेयर बाजार में इसके भाव 2700 रुपये से भी ऊपर चल रहे थे. कंपनी का मार्केट कैप 93851 करोड़ रुपये था, लेकिन समय का चक्र कुछ ऐसे बदला कि कंपनी बिकने की कगार पर पहुंच गई. अनिल धीरूभाई अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल को उसका खरीदार मिल गया है. 40000 करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी इस कंपनी को हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड खरीदने जा रही है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने इस डील को मंजूरी दे दी है. आपको बता दें कि कर्ज में डूबी इस कंपनी को खरीदने के लिए हिंदुजा ग्रुप की कंपनी ने 9650 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. अब एनसीएलटी ने इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स की समाधान योजना को मंजूरी दे दी है.


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बिक गई अनिल अंबानी की कंपनी  


रिलायंस के बंटवारे के बाद रिलायंस कैपिटल अनिल अंबानी के हिस्से में आई. धीरूभाई अंबानी के बड़े बेटे ने एक ओर अपने कारोबार को आसमान पर पहुंचा दिया तो वहीं छोटे भाई अनिल अंबानी अपने कारोबार को संभाल नहीं पाए और लगातार घाटे में चलते रहे. आज हालात यह है कि उनकी कंपनी बिक रही है. कंपनियों पर भारी कर्ज है. रिलायंस कैपिटल में करीब 20 फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियां हैं, जिसमें सिक्योरिटीज ब्रोकिंग, इंश्योरेंस और एक एआरसी शामिल है. अनिल अंबानी की ये कंपनी 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज में डूब गई. भारी कर्ज में डूबी इस कंपनी के शेयर की वैल्यू जीरो हो गई है. रिलायंस कैपिटल को शेयर बाजार से डीलिस्ट कर दिया गया है. नवंबर 2021 में रिजर्व बैंक ने खराब गवर्नेंस और पेमेंट डिफॉल्ट के बाद कंपनी के बोर्ड को भंग कर दिया और तभी से रिलायंस कैपिटल को लेकर रिजोल्यूशन प्लान पर काम शुरू हो गया. कंपनी की नीलामी के लिए फरवरी 2022 में बोलियां मंगवाई थीं. अब 108 साल पुरानी हिंदुजा ग्रुप ने बाजी मार ली है. 


कौन हैं अनिल अंबानी की कंपनी का खरीदार 


अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल को अब हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड खरीदने जा रही है.  आपको बता दें कि एनसीएलटी की मुंबई बेंच ने जून 2023 में ही रिलायंस कैपिटल की बोली के दूसरे दौर में हिंदुजा समूह की इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड के प्लान को मंजूरी दे दी थी.