Anil Ambani company: अनिल अंबानी की कंपनी के अच्छे दिन शुरू हो गए हैं. कंपनियों पर कर्ज कम हो रहा है तो वहीं निवेशकों भरोसा बढ़ता जा रहा है. अनिल अंबानी कंपनियों में निवेश बढ़ता जा रहा है. बीते कुछ वक्त से रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रा के शेयर रॉकेट की तेजी से बढ़ रहे हैं. शेयरों में लौटी जान से अनिल अंबानी का नेटवर्थ बढ़ रहा है. रिलायंस इंफ्रा का मार्केट कैप 50 प्रतिशत बढ़कर 8,500 करोड़ रुपये से बढ़कर 12,500 करोड़ रुपये हो गया तो वहीं रिलायंस पावर का मार्केट कैप 25 प्रतिशत बढ़कर 11,500 करोड़ रुपये से 14,600 करोड़ रुपये हो गया.  रिलायंस पावर के कर्ज मुक्त होने और रिलायंस इंफ्रा का कर्ज 85 फीसदी तक घटने के बाद अब अनिल अंबानी फंड जुटाने की कोशिश में है.


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घटता कर्ज, अडानी संग डील...अब अनिल अंबानी को मिली वो गुड न्यूज, जिसका सालों से था इंतजार, शेयर लगाएंगे फिर छलांग


अनिल अंबानी के रिलायंस समूह ने बदलाव की यात्रा शुरू हो गई है. अनिल अंबानी के रिलायंस समूह को अब तक आपके दिवाला कार्यवाही में नीलाम होते और कर्ज में डूबते हुए देखा है, लेकिन समूह ने पिछले सप्ताह ऐसी घोषणाएं की हैं, जिन्हें निवेशक बदलाव के संकेत मान रहे हैं. समूह ने 18 सितंबर से 20 सितंबर तक तीन दिनों में घोषणा की कि वह लंबी अवधि के फंड जुटाने की योजनाओं को लागू कर रहा है.


फंड जुटाने पर फोकस  


रिलायंस समूह अपना फोकस अपनी वित्तीय स्थिति मजबूत करने बढ़ा रहा है. रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड ने तरजीही निर्गम और क्यूआईपी के जरिए 6,000 करोड़ रुपये तक के फंड जुटाने को मंजूरी दी. दूसरी ओर रिलायंस पावर का बोर्ड कई तरीकों से फंड जुटाने पर विचार करने और उसे मंजूरी देने के लिए 23 सितंबर को बैठक कर रहा है. 


अब  रफ्तार पकड़ेंगे अंबानी  


जिस गति से अनिल अंबानी ने अपनी कंपनियों के कर्ज को चुकाने के लिए कदम उठाया, और साथ ही अपनी कंपनियों के भविष्य के विस्तार के लिए फंड जुटाने की योजनाओं की घोषणा की और उन्हें लागू किया, उसने निवेशकों को आश्चर्यचकित कर दिया है. शेयर बाजारों में दोनों फर्मों के शेयरों में उछाल आया. निवेशकों ने कहा कि अनिल अंबानी की प्रमुख कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर में प्रवर्तक समूह द्वारा 1,100 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा ने समूह की पुनरुद्धार योजनाओं में उनका भरोसा और बढ़ा दिया है.


अनिल अंबानी हो रहे मालामाल  


उनका मानना ​​है कि कर्ज में कमी और ताजा पूंजी जुटाने की अनिल अंबानी की दोहरी रणनीति ने रिलायंस समूह के दीर्घकालिक रूपांतरण के लिए आधार तैयार कर दिया है. इस सप्ताह के अंत तक रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का बाजार पूंजीकरण लगभग 50 प्रतिशत बढ़कर 8,500 करोड़ रुपये से 12,500 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह, रिलायंस पावर का बाजार पूंजीकरण 25 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 11,500 करोड़ रुपये से 14,600 करोड़ रुपये हो गया.