Bank Privatisation: Central Bank और IOB के निजीकरण की तैयारी! सरकार के बीच बैठकों का दौर
Central Bank And IOB Bank Privatisation: सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान दो सरकारी बैंकों और एक बीमा कंपनी समेत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बेचकर 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है.
Bank Privatisation: दो सरकारी बैंकों के निजीकरण को लेकर सरकार ने अब तेजी से कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है कैबिनेट सेक्रेटरी की अगुवाई में हाल ही में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई है, जिसमें कई रेगुलेटरी और एडमिनिस्ट्रेटिव मुद्दों पर चर्चा हुई. ताकि विनिवेश पर मंत्रियों के समूह के सामने मंजूरी के लिए प्रस्ताव रखा जा सके.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी 2021 के बजट में बैंकों के निजीकरण को लेकर कई ऐलान किए थे. इसके बाद नीति आयोग ने अप्रैल में कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में विनिवेश पर सचिवों के कोर ग्रुप को निजीकरण के लिए कुछ बैंक नामों का प्रस्ताव भी दिया था.
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उच्च स्तरीय पैनल की बैठक
सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार, 24 जून को नीति आयोग की सिफारिश पर विचार-विमर्श करने वाली उच्च स्तरीय पैनल की बैठक हुई, पैनल इसमें सुधारों के बाद चुने गए सभी सरकारी बैंकों के नाम AM (Alternative Mechanism) के पास भेजेगा. सूत्रों के अनुसार, पैनल ने बैंकों के कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों की भी जांच की, जिनका निजीकरण किए जाने की संभावना है. अल्टरनेटिव मैकेनिज्म से मंजूरी मिलने के बाद यह अंतिम मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट के पास जाएगा, प्राइवेटाइजेशन के लिए रेगुलेटरी बदलावों की शुरुआत कैबिनेट की मंजूरी के बाद होगी शुरू होगा.
इन दो बैंकों का होगा निजीकरण
कहा जा रहा है कि, Central Bank of India और Indian Overseas Bank प्राइवेटाइजेशन के संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं. सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान दो सरकारी बैंकों और एक बीमा कंपनी समेत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बेचकर 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. हालांकि ये रकम पिछले वित्त वर्ष में CPSE विनिवेश से जुटाए जाने वाले रिकॉर्ड बजट 2.10 लाख करोड़ से कम है.
1 फरवरी को अपने बजट भाषण में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 में दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) और एक सामान्य बीमा कंपनी का निजीकरण करने का प्रस्ताव रखा था, उन्होंने तब कहा था "आईडीबीआई बैंक के अलावा, हम वर्ष 2021-22 में दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एक सामान्य बीमा कंपनी के निजीकरण का प्रस्ताव रखते हैं,"
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