Tax पेयर्स के लिए बड़ा अपडेट, हरकत में आया इनकम टैक्स विभाग; ये गलती पड़ जाएगी भारी
ITR Filing: आयकरदाता की तरफ से नोटिस का जवाब मिलने के आधार पर एक्शन लिया जाएगा. CBDT की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का टारगेट इस बार 16 लाख करोड़ रुपये रखा गया है.
Income Tax Return: अगर आप भी हर साल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filing) करते हैं तो इस बार से आपको अलर्ट रहने की जरूरत है. आयकर विभाग टैक्स पेयर्स के लिए बड़ा बदलाव करने जा रहा है. विभाग की नजर अब महंगे फ्लैट, फॉर्म हाउस और लग्जरी गाड़ियां खरीदने वालों पर खास तौर से रहेगी. आयकर विभाग को ऐसी भनक लगी है कि देश में विदेशी टूर करने वाले और लग्जरी लाइफ जीने वाले कुछ लोग अपनी आमदनी का सालाना कम ब्योरा देते हैं. विभाग को शक है कि इस तरह के लोग टैक्स चोरी कर रहे हैं.
आईटीआर में गड़बड़ी पर नोटिस भेजा जाएगा
अब ऐसे लोगों की तरफ से दिये गए आमदनी के ब्योरा और खरीदी गई संपत्ति (महंगी गाड़ियां और फ्लैट आदि) का मिलान किया जाएगा. इन लोगों की तरफ से घोषित की गई आईटीआर में कुछ भी गड़बड़ पाया गया तो इन्हें तुरंत नोटिस भेजा जाएगा. आयकरदाता की तरफ से नोटिस का जवाब मिलने के आधार पर एक्शन लिया जाएगा. CBDT की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का टारगेट इस बार 16 लाख करोड़ रुपये रखा गया है.
टारगेट में 15 से 20 प्रतिशत का इजाफे की उम्मीद
आयकर विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार 10 जनवरी तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 14.71 लाख करोड़ रुपये हो चुका है. रिफंड के बाद यह टैक्स कलेक्शन 12.31 लाख करोड़ रुपये बचा है. वित्तीय वर्ष का डेढ़ महीने से भी कम का समय रह गया है, ऐसे में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का टारगेट पूरा होने की उम्मीद है. वित्त वर्ष 2023-24 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के टारगेट में 15 से 20 प्रतिशत का इजाफा होने की उम्मीद है. यानी अगली बार यह बढ़कर 19 से 20 लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है.
टैक्स चोरी को रोकना मकसद
CBDT अधिकारी ने बताया कि डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के साथ ही टैक्स चोरी को रोकना और टैक्स पेयर्स की संख्या बढ़ाना जरूरी है. दूसरी तरफ यह भी हकीकत है कि इस बार सरकार ने 7 लाख तक की सालाना आमदनी को टैक्स फ्री कर दिया है. ऐसे में इस बार आईटीआर फाइल करने वालों की संख्या में कमी हो सकती है. लेकिन सरकार का मकसद यह है कि टैक्स पेयर्स अपनी आमदनी को सही तरीके से दर्शाये. इस बार विभाग की तरफ से इसी को लेकर सख्ती किये जाने की तैयारी चल रही है.
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