Flight Travel Insurance: भारत का एविएशन सेक्टर पिछले एक महीने से मुश्किल दौड़ से गुजर रहा है. फ्लाइट को लगातार मिल रही बम की धमकी वाली कॉलों के कारण कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बाधित हुई हैं. हालांकि, सभी धमकी वाले कॉल अंततः एक धोखा साबित हुई. लेकिन इन धमकियों के कारण फ्लाइट में देरी हुई. ऐसे में यात्रियों के बीच एक बार फिर से ट्रैवल इंश्योरेंस को लेकर जागरुकता बढ़ गई है. 


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देरी के दौरान यात्रियों के पास क्या विकल्प होते हैं?


जब फ्लाइट देरी होती है तो नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के नियमों के अनुसार, एयरलाइंस कंपनी रिफ्रेशमेंट और यदि जरूरत हो तो रहने की व्यवस्था की जाती है. डीजीसीए  के अनुसार, देरी के मामले में कंपनी को भोजन, अल्टरनेटिव या फुल टिकट रिफंड का ऑफर करना चाहिए. यदि बहुत ज्यादा देरी होती है तो होटल और ट्रांसफर की भी व्यवस्था की जा सकती है.


हालांकि, ये सुविधाएं तब नहीं मिलती हैं जब देरी असाधारण घटनाओं, जैसे बम की आशंका के कारण होती है क्योंकि ये एयरलाइन कंपनी के नियंत्रण से परे होती है.


बम की धमकियों में काम आता है ट्रैवल इंश्योरेंस?


ऐसे यात्री जिन्होंने ट्रैवल इंश्योरेंस लिया है खासकर इंटरनेशनल ट्रैवलर्स बम की धमकी जैसी सुरक्षा घटनाओं के कारण होने वाली देरी या कैंसिलेशन के लिए मुआवजे की मांग कर सकते हैं. 


ICICI लोम्बार्ड में हेल्थ प्रोडक्ट्स की हेड प्रिया देशमुख ने कहा, "बम की आशंका के कारण हुई देरी या फ्लाइट डायलर्ट के लिए यात्री रिफंड का दावा कर सकते हैं या नहीं, यह उनके नियमों और शर्तों पर निर्भर करता है." देशमुख ने कहा कि कई पॉलिसी सुरक्षा खतरों सहित अप्रत्याशित घटनाओं के कारण यात्रा में होने वाली रुकावटों को कवर करती हैं, हालांकि यह पॉलिसी के अनुसार अलग-अलग होती है.


कई कंपनियां बीमा का एक्सटेंशन का विकल्प देती है. इस इंश्योरेंस में अगर किसी आपात स्थिति के कारण यात्रा में देरी होती है तो पॉलिसी होल्डर्स के लिए सुरक्षा बनाए रखते हुए पॉलिसी को एक्सटेंड कर दिया जाता है.