Union Budget 2023: नीति आयोग कर स्‍थापना 1 जनवरी 2015 को हुई और इसके पहला उपाध्‍यक्ष अरविंद पनगढ़िया (Arvind Panagariya ) को बनाया गया. अब उन्‍होंने बजट आने से पहले सरकार को ऐसी सलाह दे दी है. जिससे टैक्‍सपेयर्स के पसीने छूट सकते हैं.जी हां, फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) बजट में इस सलाह को अमल कर लेती हैं तो टैक्सपेयर्स के बीच सच में हड़कंप मचने वाला है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि उन्‍होंने इनकम टैक्स के नियमों में बदलाव करने की बात कह दी है. आइए जानते हैं इससे आयकरदाताओं पर क्‍या प्रभाव पड़ने वाला है.   


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पनगढ़िया ने ये कैसी सलाह दी 


अरविंद पनगढ़िया का कहना है कि आयकर पर मिलने वाले एग्जेम्प्शन को खत्म करने का सही समय है. सरकार अगर सभी एग्जेम्प्शंस को खत्म नहीं कर सकती है तो एग्जेम्प्शन को बनाए रखे बाकी को खत्म किया जा सकता है. आपको बता दें कि सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स के मामले में ऐसी पहल कर दी है. उन्‍होंने कहा है कि अगर सरकार राजस्‍व पर पड़ने वाले असर को लेकर फिक्र करती है तो उन्‍हें 4-5 टैक्स रेट्स की शुरुआत कर देना चाहिए. वे कहते हैं कि 1 फरवरी को वित्‍त मंत्री जो बजट पेश करने वाली हैं, उसमें सरकार को इस बारे में ऐलान कर देना चाहिए. 


एग्जेम्प्शन-फ्री हो इनकम 


उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार को इस बजट में करदाताओं के लिए एग्जेम्प्शन-फ्री इनकम का प्रावधान रखना चाहिए. हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा है कि इसमें टैक्स रेट्स को कम रखा जाना चाहिए. आपको बता दें कि वर्तमान में सालाना 2.5 लाख रुपये तक की इनकम, टैक्स के दायरे से बाहर है. यह लिमिट इनकम टैक्स की पुरानी और नई दोनों पॉलिसी के लिए है. इसमें लगभग 8-9 साल से बदलाव नहीं किया गया है. 


सरकार न करें ज्‍यादा खर्च! 


उन्‍होने कहा है कि भारत में निवेश और खर्च की डिमांड बहुत स्ट्रॉन्ग हैं. इसके अलावा जीडीपी और इनवेस्टमेंट का अनुपात भी पिछली कुछ तिमाहियों में लगातार बढ़ा है. ऐसे में उनका कहना है कि सरकार को और ज्‍यादा खर्च नहीं बढ़ाना चाहिए. 


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