Budget 2024: नए फाइनेंशियल ईयर में सबसे ज्यादा किस सेक्टर पर खर्च करेगी सरकार? यहां जानिए
Budget Highlights: न्यू रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 50000 रुपये से बढ़ाकर 75000 कर दी गई है. लेकिन ओल्ड टैक्स रिजीम सिलेक्ट करने वालों को सरकार ने बजट में किसी तरह की राहत नहीं दी है.
India Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने साल 2024 का बजट संसद में पेश कर दिया है. जानकारों की तरफ से बजट को नई नौकरियों के मौके पैदा करने वाला बताया जा रहा है. सैलरीड क्लास और टैक्स पेयर्स को राहत देने के लिए वित्त मंत्री ने न्यू टैक्स रिजीम के टैक्स स्लैब में बदलाव किया है. न्यू रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 50000 रुपये से बढ़ाकर 75000 कर दी गई है. लेकिन ओल्ड टैक्स रिजीम सिलेक्ट करने वालों को सरकार ने बजट में किसी तरह की राहत नहीं दी है. बजट से जुड़े दस्तावेजों से सामने आया कि सरकार वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान सबसे ज्यादा खर्च ब्याज पर करेगी. इसके बाद रक्षा और सब्सिडी पर खर्च किया जाएगा. आइए जानते हैं किस सेक्टर पर कितना खर्च किया गया?
बजट के अनुसार किस मद में कितना खर्च होगा?
1. ब्याज: 11,62,940 करोड़ रुपये
2. डिफेंस : 4,54,773 करोड़ रुपये
3. सब्सिडी
फूड: 2,05,250 करोड़ रुपये
फर्टिलाइजर: 1,64,000 करोड़ रुपये
पेट्रोलियम: 11,925 करोड़ रुपये
4. रूरल डेवलपमेंट: 2,65,808 करोड़ रुपये
5. परिवहन: 5,44,128 करोड़ रुपये
6. पेंशन: 2,43,296 करोड़ रुपये
7. होम अफेयर्स: 1,50,983 करोड़ रुपये
8. एग्रीकल्चर एंड अलाइड एक्टिविटी: 1,51,851 करोड़ रुपये
9. एजुकेशन: 1,25,638 करोड़ रुपये
10. आईटी और टेलीकॉम: 1,16,342 करोड़ रुपये
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सरकार बजट का बड़ा हिस्सा टैक्स वसूली, जीएसटी कंपनसेशन और राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश को ट्रांसफर पर खर्च करता है. साल 2024-25 के लिए फिक्सल डेफिसिटी जीडीपी का 4.9 फीसदी रहने का अनुमान है. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, उधार को छोड़कर कुल प्राप्तियां 32.07 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है, जबकि कुल टोटल एक्सपेंडीचर 48.21 लाख करोड़ अनुमानित है. सरकार का लक्ष्य फाइनेंशियल ईयर 2025-26 तक फिक्सल डेफिसिट को जीडीपी के 4.5 प्रतिशत से कम करना है. फिक्सल डेफिसिट सरकार की कमाई और खर्च के बीच का अंतर है, जो यह दर्शाता है कि उसे कितना उधार लेने की जरूरत हो सकती है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2021 में सरकार ने आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने का जो रास्ता अपनाया था, उसका देश की इकोनॉमी पर अच्छा असर पड़ रहा है. उनका लक्ष्य है कि अगले साल सरकारी खर्च में कमी लाकर, आमदनी से ज्यादा खर्च का अंतर 4.5% से कम हो जाए. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इसी रास्ते पर चलती रहेगी और कोशिश करेगी कि 2026-27 से हर साल लोन को कम किया जाए, ताकि जीडीपी के अनुपात में सरकारी लोन को कम किया जा सके.
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सरकार ने मार्च 2025 को खत्म होने वाले फाइनेंशियल ईयर के लिए बुनियादी ढांचे पर रिकॉर्ड 11,11,000 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की है. यह योजना पहले फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट से ही ली गई है, जो चुनाव से पहले पेश किया गया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए बताया कि यह राशि देश के कुल जीडीपी का 3.4% है.