Business idea: मुर्गे के पंख से शुरू किया बिजनेस, आज कर रहे करोड़ों की कमाई, जानें कैसे?
Business Idea Earn Money: आज हम आपको एक ऐसी ही सक्सेस स्टोरी के बारे में बताएंगे, जिसमें कुछ लोगों ने मुर्गे के पंख से कपड़े बनाकर करोड़ों की इंडस्ट्री खड़ी कर दी है. आइए जानिए कैसे-
Earn Money From Business: कचरे से बिजली या फिर खाद बनने के बारे में तो ज्यादातर लोगों को पता होता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मुर्गे के पंखों से कपड़े भी बनाए जा सकते है... शायद नहीं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी ही सक्सेस स्टोरी के बारे में बताएंगे, जिसमें कुछ लोगों ने मुर्गे के पंख से कपड़े बनाकर करोड़ों की इंडस्ट्री खड़ी कर दी है.
कॉलेज में आया था आइडिया
जयपुर के रहने वाले मुदिता और राधेश ने यह बिजनेस शुरू किया है. इन दोनों को ही ये आइडिया कॉलेज में आया था, जिसके बाद उन दोनों ने मिलकर यह बिजनेस शुरू किया और करोड़ों का कारोबार खड़ा कर दिया है. आज इनकी कंपनी का टर्नओवर काफी ज्यादा है.
कितना है कंपनी का टर्नओवर?
इन लोगों ने अपनी कंपनी का नाम मुदिता एंड राधेश प्राइवेट लिमिटेड रखा है. राधेश बताते हैं कि उन्होंने इस काम को 16,000 रुपये से शुरू किया था, लेकिन अब उनकी कंपनी करोड़ों का कारोबार कर रही है. पिछले ढाई साल में कंपनी ने 7 करोड़ का कारोबार किया है और वर्तमान में टर्नओवर की बात की जाए तो वह 2.5 करोड़ है.
8 साल का लगा समय
इन दोनों लोगों को करीब 8 साल का समय लगा है अपना खुद का फैब्रिक बनाकर तैयार करने में... यह दोनों ही साल 2010 से यह कारोबार कर रहे हैं और 2018 में आकर उन्होंने इस काम को पूरा कर लिया है. इसके पीछे उन्होंने काफी मेहनत की और काफी रिसर्च के बाद में कचरे से कपड़ा बना लिया है.
विदेशों में है बड़ी डिमांड
मुदिता ने मीडिया को बताया कि अभी उनके पास बहुत बड़ी संख्या में ग्राहक नहीं है क्योंकि इस समय भारत में लोग मुर्गे के पंख से बने फैब्रिक का इस्तेमाल करने से काफी बचते हैं, लेकिन विदेशों में इसकी काफी डिमांड है. इस फैब्रिक से बने प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल विदेश में किया जाता है.
बुनकरों को दे रहे रोजगार
राधेश और मुदिता बताते हैं कि इस समय उनके पास करीब 1200 बुनकर है जो मुर्गे के पंखों से कपड़ा बनाने का काम कर रहे हैं. अगर इनकी सैलरी की बात की जाए तो मुदिता करीब 8000 से 12000 रुपये प्रति माह दी जाती है. इसके अलावा इस समय ज्यादातर काम मशीनों पर शिफ्ट किया जा रहा है, लेकिन यह दोनों ही ज्यादा से ज्यादा बुनकरों को अपने साथ जोड़कर उनको रोजगार देने का काम कर रहे है.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर