Loan Fraud Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को धोखाधड़ी (ICICI Bank Fraud Case) मामले में गिरफ्तार कर लिया है. गौरतलब है कि चंदा कोचर (Chanda Kochhar) पर अपने पति को आर्थिक लाभ देने के आरोप लगे थे.


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चंदा पर हैं ये आरोप 


चंदा कोचर ने 26 अगस्त 2009 को आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स को 300 करोड़ रुपये और 31 अक्टूबर 2011 को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 750 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दी थी. इसके बाद साल 2018 में यह मामला तूल पकड़ लिया क्योंकि यह फैसला बैंक के रेगुलेशन और पॉलिसी के अनुरूप नहीं था. इसके बाद साल 2020 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चंदा कोचर और उनके पति से करोड़ो रुपये के लोन और इससे जुड़े अन्य मामलों में पूछताछ की और इस मामले में CBI ने चंदा कोचर पर FIR दर्ज की थी. इसके बाद ED ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया और पूछताछ की.


जानिए क्या है पूरा केस?


दरअसल, वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत और दीपक कोचर के साथ बिजनेस करते हैं. चंदा कोचर और उनके पति पर यह आरोप लगा था कि वेणुगोपाल धूत ने दीपक कोचर की सह स्वामित्व वाली कंपनी के ज़रिए लोन का एक बड़ा हिस्सा स्थानांतरित किया था और लगभग 94.99 फ़ीसदी होल्डिंग वाले बड़े शेयर्स महज 9 लाख रुपये में स्थानांतरित कर दिए गए. हालांकि बैंक ने उस समय is माम्लेको निपटने की पूरी कोशिश की लेकिन बाद में यह केस सामने आया.


आईसीआईसीआई बैंक ने स्वतंत्र जांच का फैसला लेते हुए 30 मई 2018 को बोर्ड व्हिसल ब्लोअर के आरोपों की 'विस्तृत जांच' का ऐलान किया. इसके बाद, जनवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट की जांच पूरी हुई और चंदा कोचर दोषी पाई गईं. इसके बाद, ED ने साल 2020 में चंदा कोचर, दीपक कोचर और उनकी कंपनियों से संबंधित 78 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली. इसके बाद यह केस बढ़ता गया.


पद्म भूषण से हैं सम्मानित 


गौरतलब है कि चंदा कोचर ने 1984 में बतौर मैनेजमेंट ट्रेनी आईसीआईसीआई बैंक ज्वॉइन किन और 2009 में चंदा कोचर को सीईओ और एमडी बनाया गया. इनके समय में आईसीआईसीआई बैंक ने रिटेल बिजनेस में अपना झंडा गाड़ा और उनकी काबिलियत को देखते हुए भारत सरकार ने चंदा कोचर को अपने तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से (2011 में) से सम्मानित किया. बैंक की कर्जदार कंपनी विडियोकॉन इंडस्ट्रीज की तरफ से चंदा और उनके पति के दोषी साबित होने के बाद 2018 में चंदा ने इस्तीफा दे दिया.