नई दिल्ली: रणनीतिक महत्व वाले चाबहार पोर्ट के कामकाज का नियंत्रण भारत के हाथ में आ गया है. चाबहार की मदद से अफगानिस्तान भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को बढ़ाना चाहता है. ईरान के मिनिस्ट्री ऑफ रोड एंड अर्बन डेवलपमेंट के मुताबिक, अफगानिस्तान की तरफ से एक शिप को बहुत जल्द भारत भेजा जाएगा. इस शिप पर 5 कंटेनर रखे जाएंगे. अफगानिस्तान भारत को मूंग का निर्यात करेगा. अफगान मिनिस्ट्री के मुताबिक, इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर भेजा जा रहा है.


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बता दें, दिसंबर महीने में भारत, अफगानिस्तान और ईरान के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ था. उस समझौते के बाद भारत को शाहिद बेहिश्ती पोर्ट और चाबहार के एक हिस्से के कामकाज की जिम्मेदारी मिली है. चाबहार पोर्ट ईरान में समंदर के दक्षिणी तट पर स्थित है. यहां से पाकिस्तान और अफगानिस्तान बहुत करीब है. चाबहार के रास्ते भारत की दूरी मध्य-पूर्व देशों से काफी घट जाएगी.


फोटो साभार ईरान पीएमओ.

चाबहार पोर्ट पाकिस्तान स्थित ग्वादर पोर्ट से मात्र 80 किलोमीटर की दूरी पर है. इस पोर्ट पर चीन का नियंत्रण है. इसकी मदद से चीन मध्य एशिया के काफी करीब है. ऐसे में चाबहार रणनीतिक लिहाज से बेहद अहम है. सरकार ने फैसला किया है कि भारत के मुंबई, कांडला और मुंद्रा पोर्ट से चाबहार के लिए हर दो हफ्ते में एक शिप को भेजा जाएगा. चाबहार पोर्ट का कमर्शियल ऑपरेशन 30 दिसंबर 2018 से ही हो रहा है.


बता दें, अमेरिका ने नवंबर महीने में चाबहार पोर्ट और इसे अफगानिस्तान से जोड़ने वाली रेलवे लाइन के निर्माण के लिए भारत को कुछ प्रतिबंधों से छूट दे दी थी. उसी दौरान ट्रंप प्रशासन ने ईरान पर अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. लेकिन, भारत को इसके लिए छूट दी. यह बंदरगाह युद्ध ग्रस्त अफगानिस्तान के विकास के लिए सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है.